पुरी, 4 जुलाई . दुबई से आई श्रद्धालु श्रुति प्रिया राधिका देवी ने पुरी के विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ के दर्शन के बाद अपने गहरे भावनात्मक अनुभव को साझा किया. उनके लिए यह अनुभव न केवल आध्यात्मिक, बल्कि जीवन के सबसे अविस्मरणीय पलों में से एक रहा.
श्रुति प्रिया ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी को बताया कि दर्शन से पहले उनका मन तीव्र उत्सुकता और बेचैनी से भरा था. उन्होंने कहा, “मैं सोच रही थी कि इतनी भीड़ में मैं महाप्रभु के दर्शन कैसे कर पाऊंगी. मेरा दिल लालसा से भरा था, लेकिन मन में एक आशंका भी थी कि क्या मुझे यह सौभाग्य प्राप्त होगा. हालांकि, हमारी यह आशंका उस समय चमत्कार में बदल गई, जब मंदिर के एक पंडा अप्रत्याशित रूप से हमारे पास आए और सीधे गर्भगृह में दर्शन के लिए ले गए.”
श्रुति प्रिया ने भावुक स्वर में कहा, “ऐसा लगा जैसे स्वयं भगवान जगन्नाथ ने उसे मेरे पास भेजा हो. मेरे पास यहां न तो कोई योजना थी और न ही कोई परिचित, फिर भी मुझे गर्भगृह में दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ. यह मेरे लिए एक अविस्मरणीय क्षण था.”
उन्होंने बताया कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन ने उनके मन को शांति और आनंद से भर दिया. उनके दर्शन करते ही मन की सारी बेचैनी शांत हो गई. यह अनुभव किसी चमत्कार से कम नहीं था. मैंने महसूस किया कि भगवान का आशीर्वाद मेरे साथ है.
श्रुति प्रिया ने अपनी प्रार्थना में न केवल अपने लिए, बल्कि सभी के कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगा. उन्होंने कहा, “मैंने महाप्रभु से प्रार्थना की कि वे सभी भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करें. मेरा मानना है कि यह स्थान हर उस व्यक्ति के लिए विशेष है, जो भक्ति और श्रद्धा के साथ यहां आता है. अधिक से अधिक लोग पुरी आएं और भगवान जगन्नाथ के दिव्य दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करेंगे. मैं भगवान जगन्नाथ और इस मंदिर के सेवादारों की हमेशा आभारी रहूंगी. यह यात्रा मेरे जीवन का सबसे अनमोल अनुभव बन गई है.”
पुरी का महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर देश के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए आते हैं. खास तौर पर रथ यात्रा के दौरान यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बन जाता है.
–
एकेएस/एकेजे