कोलकाता, 21 अगस्त . पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी नहीं चाहते कि भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ कोई मुकाबला खेले. इसके साथ ही उन्होंने एशिया कप 2025 के टीम चयन पर भी सवाल खड़े किए हैं. तिवारी के अनुसार श्रेयस अय्यर को प्रदर्शन के आधार पर टीम से नहीं निकाला गया.
मनोज तिवारी ने से कहा, “मैं एशिया कप के लिए भारतीय टीम के चयन से हैरान हूं. शुभमन गिल को उपकप्तान के तौर पर टीम में लाया गया है. यशस्वी जायसवाल और श्रेयस अय्यर भी टीम में जगह नहीं बना सके. मेरे लिए यह चौंकाने वाली बात है.”
मनोज तिवारी एशिया कप टीम से यशस्वी जायसवाल को बाहर करने से हैरान हैं. उन्होंने कहा, “गौतम गंभीर ने अपने पुराने इंटरव्यू में बताया था कि टी20 टीम में यशस्वी जायसवाल को लंबे दौर तक रहना चाहिए, लेकिन जब गंभीर कोच बने, तो जायसवाल को ही टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया.”
एशिया कप टीम से श्रेयस अय्यर को भी नजरअंदाज किया गया है. मनोज तिवारी ने कहा, “पिछले साल घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बावजूद श्रेयस अय्यर टीम में जगह नहीं बना सके. उन्हें प्रदर्शन के आधार पर टीम से नहीं निकाला गया, इसकी वजह कुछ और थी. जब अय्यर ने केकेआर के लिए बतौर कप्तान आईपीएल ट्रॉफी जीती, उस वक्त खबर थी कि कप्तान और मेंटॉर के बीच सब कुछ सहीं नहीं है, जिसके चलते अय्यर को रिलीज कर दिया गया. अय्यर पंजाब से जुड़े और इतने सालों बाद इस टीम को फाइनल में पहुंचाया. अय्यर बतौर कप्तान और खिलाड़ी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें टीम में मौका नहीं मिल पा रहा. यह चौंकाने वाला सेलेक्शन है.”
एशिया कप 2025 में 14 सितंबर को भारत का सामना पाकिस्तान से होगा. मनोज तिवारी नहीं चाहते कि टीम इंडिया, पाकिस्तान के विरुद्ध कोई मुकाबला खेले. उन्होंने कहा, “एशिया कप में भारत-पाकिस्तान का मैच होना ही नहीं चाहिए. दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है. पाकिस्तान ने पहलगाम में आतंकी हमला करवाया. इसके बाद भारत-पाकिस्तान के मुकाबले के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए था. अगर भारत-पाकिस्तान की टीमें फाइनल तक पहुंचीं, तो दोनों देशों के बीच तीन मुकाबले होंगे. मेरा सवाल है कि क्या इंसान के जीवन को कोई मूल्य नहीं है?”
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, “कुछ महीनों पहले पहलगाम में निर्दोष लोगों को मारा गया, उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबले के आयोजन के बारे में कैसे सोचा जा सकता है? यह चौंकानी वाली बात है. ऐसा लगता है कि खेल मनुष्य के जीवन से ज्यादा मूल्यवान हो गया है.”
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आरएसजी