यूपी : भू राजस्व वाद के मामलों के निपटारे में प्रदेशभर में श्रावस्ती ने मारी बाजी

लखनऊ, 19 जनवरी . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में प्राथमिकता के आधार पर भू राजस्व संबंधी वादों का निस्तारण किया जा रहा है. यही वजह है कि प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में भू राजस्व संबंधी वादों के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, सीएम योगी के निर्देश पर हर माह भू राजस्व संबंधी मामलों के निस्तारण की जिले की रैंकिंग जारी की जाती है.

इसी के तहत दिसंबर माह की रिपोर्ट में भू राजस्व वादों के निस्तारण में पूरे प्रदेश में श्रावस्ती ने पहला स्थान प्राप्त किया है. श्रावस्ती को यह स्थान धारा-67 एवं धारा- 116 के कुल वादों के सापेक्ष लंबित विचाराधीन वादों के निस्तारण में मिला है.

श्रावस्ती जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप भू राजस्व संबंधी वादों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने का अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में श्रावस्ती ने दिसंबर में धारा-116 के तहत कुल मामलों के सापेक्ष लंबित विचाराधीन वादों का निस्तारण कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि मैनपुरी ने दूसरा, हापुड़ ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है. इसी तरह 5 वर्ष से अधिक अवधि के लंबित मामलों के निस्तारण में श्रावस्ती के साथ मैनपुरी, हापुड़ आदि ने बाजी मारी है.

डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि धारा-67 के तहत कुल योजित वादों के सापेक्ष लंबित विचाराधीन वादों का निस्तारण कर श्रावस्ती ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि महोबा ने दूसरा और मुरादाबाद ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है. वहीं 5 वर्ष से अधिक अवधि के लंबित मामलों के निस्तारण में श्रावस्ती के साथ हापुड़ और हाथरस का शानदार प्रदर्शन रहा है.

वहीं, श्रावस्ती ने भू राजस्व की विभिन्न धाराओं के तहत लंबित मामलों के निस्तारण में टॉप-10 में अपनी जगह बनाई है. इनमें धारा-34 के तहत कुल योजित वादों के सापेक्ष लंबित विचाराधीन वादों के निस्तारण में श्रावस्ती ने प्रदेश में नौवां स्थान प्राप्त किया है, जबकि पहले स्थान पर शामली, दूसरे पर महोबा और तीसरे पर हमीरपुर है. इसी तरह 5 वर्ष से अधिक अवधि से लंबित वादों के निस्तारण में भी श्रावस्ती टॉप-10 में शामिल है.

उधर, कुल न्यायालयों के सापेक्ष में लंबित वादों का प्रति न्यायालय औसत में श्रावस्ती सातवें पायदान पर रहा है, जबकि पहले स्थान पर गाजीपुर, दूसरे स्थान पर प्रतापगढ़ और तीसरे स्थान पर बलिया हैं. सीएम योगी की दूरदर्शी सोच का ही नतीजा है कि प्रदेश में भू-राजस्व संबंधी मामलों के निपटारे की दर में तेजी आई है. ऐसे में लोगों को त्वरित न्याय मिलने से उनका प्रशासन पर विश्वास बढ़ा है. इसके साथ ही, विवादित भूमि पर विकास कार्यों को गति मिलने का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है.

सीएम के निर्देश पर प्राथमिकता के आधार पर न केवल भू राजस्व मामले सुलझाए गए, बल्कि जनता को सीधा लाभ भी पहुंचा. किसानों और अन्य भूमि धारकों के लिए यह राहत की खबर है, क्योंकि लंबे समय से लंबित विवादित मामलों के समाधान के चलते उनकी भूमि उपयोग में आ सकी है.

एसके/एएस