कुल्लू, 29 अक्टूबर . यूं तो स्वदेशीकरण को लेकर बहुत बातें कीं जाती हैं. लेकिन जमीन पर इसका कितना असर है, यह दीपावली के मौके पर दिखाई दे रहा है, जब लोग भारतीय उत्पादों को दरकिनार कर, चीन निर्मित उत्पादों को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. ऐसे में दुकानदारों को देश में बने मिट्टी के दीयों की खरीदारी करने के लिए ग्राहकों से अपील करनी पड़ रही है.
बाजारों का हाल यह है कि जहां चीन के सामान मिल रहे हैं, वहां ग्राहक खरीदारी करने के लिए बेताब हैं और जहां भारतीय उत्पाद मिल रहे हैं, वहां ग्राहक जाने से परहेज कर रहे हैं. दुकानदारों ने ग्राहकों के इस रवैये पर निराशा जाहिर की है. कई दुकानदारों ने कहा कि हमने सोचा नहीं था कि इस बार दीपावली के मौके पर ग्राहकों का व्यवहार कुछ इस तरह का रहेगा. हमें लगा था कि ग्राहक भारतीय उत्पादों को तवज्जो देंगे, हमें फायदा पहुंचेगा, लेकिन इसका उल्टा हो रहा है. ज्यादातर ग्राहक चीनी उत्पादों को तवज्जो दे रहे हैं.
ग्राहकों के इस व्यवहार से सबसे ज्यादा निराश मिट्टी के दिये बनाने वाले हैं. उनका कहना है कि वो कई महीनों से दिये बनाने के काम में जुटे हुए थे. उन्हें भरोसा था कि जमकर खरीदारी होगी और अच्छा मुनाफा मिलेगा. लेकिन, यहां पासा पूरा पलट गया है.
अब परिस्थितियां कुछ ऐसी बन चुकी है कि दुकानदारों को ग्राहकों से अपील करनी पड़ रही है कि आप देश में निर्मित उत्पादों को ही खरीदें.
दुकानदार नरेश कुमार ने कहा कि हमारे पास मिट्टी के बनाए हुए दीये हैं. मैं सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में हमारे दुकानों पर आएं और इन दीयों को खरीदें.
विपिन कुमार ने कहा कि मैं कई सालों से मिट्टी के दीये बनाने का काम कर रहा हूं. दीपावली दीये से मनाया जाता है, इसलिए मैं लोगों से अपील करता हूं कि वो मिट्टी के दीये खरीदें. मैं लोगों से कहना चाहूंगा कि बिना मिट्टी के दीये के दीवाली अधूरी है, इसलिए सभी लोगों से अपील है कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में इन दीयों को खरीदकर दीपावली को सार्थक बनाएं.
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एसएचके/