नई दिल्ली, 20 मार्च . शादी के बाद मोटापे की वजह ‘हैप्पी फैट’ है. ऐसा हम नहीं, एक रिसर्च कहती है. इस शोध के नतीजे ये भी बताते हैं कि परेशानी महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को हो सकती है, मतलब मोटापे का खतरा उन्हें ज्यादा है.
नए शोध से पता चलता है कि शादी और अतिरिक्त वजन के बीच एक चौंकाने वाला संबंध है. पोलैंड के वारसॉ में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ कार्डियोलॉजी की एक टीम ने पाया कि शादी आपका वजन बढ़ा सकती है – लेकिन यह पुरुषों और महिलाओं के लिए समान नहीं है.
ओबेसिटी या मोटापे की बात करें तो इसमें भी हाई इनकम वाले देशों ने बाजी मारी है. जिसमें अमेरिका शीर्ष स्थान पर है! 2021 में लगभग 42 फीसदी पुरुष और 46 फीसदी महिलाएं मोटापे का शिकार हुए.
मोटापे से टाइप 2 डायबिटीज, हाई बीपी, हृदय संबंधी रोग और कई तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. 2021 में अमेरिका में 25 वर्ष से अधिक आयु के 172 मिलियन मोटापा झेल रहे वयस्क थे. एक अनुमान के मुताबिक 2050 तक ये दर 214 मिलियन हो जाएगी.
शादी और मोटापे को लेकर किए शोध में 50 वर्ष की औसत आयु वाले 2,405 लोगों (लगभग आधी महिलाएं, आधे पुरुष) के डेटा का विश्लेषण किया गया. इस आबादी में से 35.3 फीसदी सामान्य वजन वाले थे, 38.3 फीसदी अधिक वजन वाले थे और 26.4 फीसदी मोटे थे.
जबकि शादी करना दोनों लिंगों के लिए वजन बढ़ाने के बराबर था, पुरुषों में विवाह और मोटापे के बीच एक मजबूत संबंध पाया गया, जिसमें विवाहित पुरुषों में कुंवारे लोगों की तुलना में मोटापा बढ़ने की संभावना 3.2 गुना अधिक थी.
स्टडी में विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच मोटापे में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं पाया गया. यह जानकारी पिछली स्टडी के निष्कर्षों को दोहराती है, जिसमें पाया गया था कि शादी के बाद पुरुषों में महिलाओं की तुलना में वजन बढ़ने की संभावना अधिक होती है.
इकोनॉमिक्स एंड ह्यूमन बायोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित उस अध्ययन में विशेष रूप से पाया गया कि शादी करने से पुरुषों में पहले पांच वर्षों के भीतर बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) बढ़ता है.
विशेषज्ञों ने नोट किया कि बीएमआई में यह उछाल इसलिए आया क्योंकि पुरुषों ने अपनी शादी जारी रखने के दौरान अधिक खाना और कम वर्जिश की.
पिछले शोध में पाया गया है कि विवाहित व्यक्तियों का बीएमआई सिंगल शख्स की तुलना में काफी अधिक होता है. यह पाया गया कि कोई व्यक्ति अपने रिलेशनशिप में जितना अधिक संतुष्ट होता है, उसके मोटे होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है और इसे जिसे आमतौर पर “हैप्पी फैट” कहा जाता है.
स्टडी में उम्र को भी इंडिपेंडेंट रिस्क फैक्टर माना गया. नवीनतम अध्ययन में पाया गया कि उम्र बढ़ने के साथ दोनों लिंगों में अधिक वजन और मोटापे का जोखिम बढ़ता है.
इसके अलावा, अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाएं 8,000 से कम लोगों में रह रही थीं, उनमें मोटापे की संभावना 46 फीसदी अधिक थी और ओवरवेट की संभावना 42 फीसदी से अधिक थी. वहीं, पुरुषों में कोई परिवर्तन नहीं देखा गया.
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केआर/