बेंगलुरु/तिरुवनंतपुरम, 16 फरवरी . कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को वीणा विजयन की आईटी फर्म एक्सलॉजिक की सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि उनकी बेटी वीणा विजयन एक्सलॉजिक की एकमात्र निदेशक हैं.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक लाइन का आदेश दिया, जिसमें कहा गया कि एसएफआईओ जांच आगे बढ़ सकती है और कहा कि पूरा आदेश शनिवार को दिया जाएगा.
पिछले हफ्ते एक्सलॉजिक ने एसएफआईओ द्वारा चल रही जांच पर रोक लगाने की मांग करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
अदालत ने तब कहा था कि वह जल्द ही अपना आदेश जारी करेगी, लेकिन तब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की जानी चाहिए.
एसएफआईओ कंपनी रजिस्ट्रार द्वारा की गई कंपनी की प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों पर कार्रवाई कर रहा है.
आरओसी जांच से पहले यह मुद्दा सबसे पहले कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनदान ने एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर उठाया था. जिसमें एक आयकर अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि एक्सलॉजिक को खनन कंपनी सीएमआरएल से 1.72 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें केरल राज्य औद्योगिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (केएसआईडीसी) के पास करीब 13 फीसदी हिस्सेदारी है.
एसएफआईओ पहले ही सीएमआरएल और केएसआईडीसी अधिकारियों से बयान ले चुका है. अब जब अदालत ने वीणा की याचिका खारिज कर दी है, तो सभी की निगाहें इस पर हैं कि वह एसएफआईओ के सामने कब पेश होंगी.
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, कुझालनदान ने कहा कि आदर्श रूप से वीणा को केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए था क्योंकि वह फर्म की एकमात्र निदेशक हैं, लेकिन किसी कारण से वह कर्नाटक चली गईं.
उन्होंने कहा कि पूरा आदेश आने के बाद अधिक जानकारी पता चलेगी.
इस बीच लोकसभा चुनाव नजदीक होने के कारण यह विपक्षी कांग्रेस और भाजपा के लिए एक अभियान बिंदु बनने जा रहा है. इसलिए विजयन और सीपीआई-एम यह सुनिश्चित करेंगे कि एक्सलॉजिक कर्नाटक हाईकोर्ट के निर्देश के खिलाफ सुप्रीम कार्ट का रुख करे.
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एफजेड/एबीएम