शिवपाल यादव ने उर्दू मुद्दे और गंगा सफाई को लेकर साधा भाजपा पर निशाना

लखनऊ, 19 फरवरी . समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उर्दू के मुद्दे पर विपक्ष को घेरने पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री की खीझ है, क्योंकि वे अयोध्या से लोकसभा चुनाव हार गए.

उन्होंने कहा कि मिल्कीपुर और संभल में कथित बेईमानी और अत्याचार से जीत हासिल करने के कारण भाजपा की यह हताशा सामने आ रही है. शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी वजह से वह इस तरह के मुद्दे उठा रही है.

बता दें कि मंगलवार सुबह सदन की कार्यवाही का विरोध करने के बाद दोपहर 12:30 बजे सदन की बैठक शुरू हुई. इस दौरान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सुझाव दिया कि फ्लोर लैंग्वेज के रूप में अंग्रेजी की बजाय उर्दू को अपनाया जाए, क्योंकि अंग्रेजी की कोई जरूरत नहीं है और उर्दू हमारी दूसरी भाषा है. इस पर सीएम योगी ने हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं का मुद्दा उठाते हुए विपक्ष पर निशाना साधा. सीएम ने कहा कि विपक्ष हर अच्छे प्रयास का विरोध करता है. ये वही लोग हैं जो उर्दू का समर्थन करते हैं, लेकिन भोजपुरी और अवधी जैसी भाषाओं का विरोध करते हैं.

शिवपाल ने आगे कहा कि भाजपा जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने का काम कर रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार ने महाकुंभ के दौरान गंगा की सफाई के लिए क्या ठोस कदम उठाए. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि प्रयागराज के संगम का पानी नहाने योग्य नहीं है और इसमें फेकल कोलीफॉर्म की मात्रा अधिक पाई गई है. यह स्पष्ट करता है कि गंगा मैली हो चुकी है और उसका पानी आचमन लायक भी नहीं बचा है.

शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अब तक गंगा को साफ करने में नाकाम रही है, लेकिन भाजपा नेता केवल सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने में लगे रहते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग केवल इसी प्रकार की बातें करेंगे और जनता को गुमराह करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आस्था और व्यवस्था के बीच संतुलन स्थापित करने में पूरी तरह असफल रही है. इसी वजह से गंगा सफाई का वादा भी अब तक अधूरा है और जनता के साथ धोखा हुआ है.

पीएसएम/एएस