शिवम दुबे ने लिए पांच विकेट लेकिन रहाणे और सूर्यकुमार का नहीं चला बल्ला, विदर्भ मजबूत

नागपुर,18 फरवरी . मुंबई के मध्य क्रम के बल्लेबाज़ों ने एक बार फिर से काफ़ी ख़राब प्रदर्शन का मुज़ाहिरा किया है. महज़ 11 गेंदों में चार विकेट गंवाने के बाद, नागपुर में चल रहे रणजी ट्रॉफ़ी सेमीफ़ाइनल में विदर्भ के ख़िलाफ़ मुंबई की टीम काफ़ी मुश्किल में पड़ गई है.

अपना दूसरा प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे बाएं हाथ के स्पिन ऑलराउंडर पार्थ रेखड़े ने अंतिम सत्र में मैच का रुख़ पलट दिया. उन्होंने 41वें ओवर में अजिंक्य रहाणे, सूर्यकुमार यादव और शिवम दुबे को आउट कर मुंबई को 113/2 से 113/5 पर ला दिया.

रहाणे इस ओवर में पहले आउट हुए. वह डिफ़ेंसिव शॉट खेलना चाह रहे थे लेकिन गेंद स्टंप्स पर जा लगी. इसके बाद सूर्यकुमार यादव सिर्फ़ दो गेंदों पर शून्य पर आउट हो गए. उन्होंने तेज़ अंदर आती गेंद को काफ़ी ज़ोर से खेलने की कोशिश की, जिससे गेंद अंदरूनी किनारा लेकर पैड से टकराई और शॉर्ट लेग पर तैनात दानिश मालेवर ने दूसरी कोशिश में शानदार कैच लपका.

इसके तुरंत बाद, दुबे पीछे जाकर गेंद को खेलने की कोशिश में मोटा किनारा दे बैठे, जिसे पहली स्लिप में अथर्व तायडे़ ने बेहतरीन ढंग से लपक लिया. इसके बाद मुंबई की टीम और भी ज़्यादा मुश्किल में तब फंस गई, जब शम्स मुलानी बाएं हाथ के स्पिनर हर्ष दुबे की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए.

मूल रूप से मैदानी अंपायर ने उन्हें नॉट आउट दिया था क्योंकि गेद काफ़ी अधिक टर्न ले रही थी, लेकिन विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर ने रिव्यू लिया, जिसमें साफ़ दिखा कि गेंद स्टंप्स पर जा लगती. इस फ़ैसले के बाद मुलानी को 4 रन के निजी स्कोर पर वापस लौटना पड़ा. इस विकेट के साथ हर्ष दुबे ने रणजी ट्रॉफ़ी के इतिहास में एक सीज़न में 60 या उससे अधिक विकेट लेने वाला छठा गेंदबाज़ बनने की उपलब्धि हासिल की. इससे पहले 2019-20 में जयदव उनादकट ने यह कारनामा किया था.

इसके बाद शार्दुल ठाकुर और विकेटकीपर आकाश आनंद के बीच एक अर्धशतकीय साझेदारी हुई. जहां शीर्ष क्रम के ज़्यादातर बल्लेबाज़ संघर्ष कर रहे थे, वहां आनंद ने अर्धशतक भी जमाया, जबकि शार्दुल ने अपने स्वाभाविक अंदाज़ में गेंदबाज़ों पर आक्रामक रुख़ अपनाया और हर मौक़े पर रन बटोरने की कोशिश की. उनकी यह साझेदारी 60 रनों तक चली. शार्दुल 41 गेंदों में 37 रन बनाकर डीप स्क्वायर लेग पर कैच आउट हो गए. उन्होंने यश ठाकुर की गेंद को पुल करने की कोशिश की थी.

यश ने बेहद गर्म दोपहर में पूरी ऊर्जा के साथ गेंदबाज़ी की. उनके 11 ओवर में 2/56 के आंकड़े उनके प्रयासों के साथ न्याय नहीं करते. इसमें सिद्धेश लाड का बड़ा विकेट भी शामिल था. लाड जिस गेंद पर आउट हुए, वह गेंद पहले अंदर आ रही थी और फिर वह गिरने के बाद सीधी रही. वह रहाणे को भी एलबीडब्ल्यू आउट कर सकते थे, काफ़ी ज़ोर से डेक को हिट करने के प्रयास में उन्होंने नो-बॉल फेंक दी.

सुबह के सत्र में विदर्भ ने अपनी पहली पारी में 308/5 से आगे खेलते हुए सिर्फ 75 रन जोड़े. उनके इस सीज़न में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ यश राठौड़ ने अपना अर्धशतक पूरा किया, लेकिन फिर एक विकेट गिरने के साथ ही विदर्भ की पारी ढह गई.

दुबे, जिन्होंने पहले दिन रेखडे़ और करुण नायर को आउट किया था, उन्होंने लगातार तीन ओवरों में तीन विकेट झटककर 11.5-1-49-5 के आंकड़े के साथ पारी समाप्त की. यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका तीसरा पांच विकेट हॉल था.

संक्षिप्त स्कोर:

मुंबई 188/7 (आनंद 67*, लाड 35, रेखड़े 3/16, ठाकुर 2/56) पहली पारी में विदर्भ के 383 (मालेवर 79, शौरी 74, राठौड़ 54, दुबे 5/49) रन से 195 रन पीछे

आरआर/