शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने सरकारी कैंटीन के खराब खाने पर उठाया सवाल, बोले- ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक

Mumbai , 9 जुलाई . शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने Mumbai में सरकारी कैंटीन में परोसे गए खराब खाने को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. समाचार एजेंसी से बातचीत में उन्होंने बताया कि कैंटीन में मिलने वाला भोजन न केवल खराब गुणवत्ता का है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी है.

उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए कैंटीन प्रबंधन को चेतावनी दी है कि वह लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ न करें. गायकवाड़ ने बताया कि उन्होंने रात के खाने के लिए आकाशवाणी कैंटीन से चावल और दाल का ऑर्डर दिया था. लेकिन पहला निवाला खाते ही उन्हें खाने में कुछ गड़बड़ महसूस हुई. दूसरे निवाले के बाद उन्हें उल्टी जैसी स्थिति हो गई.

उन्होंने कहा, “खाना बिल्कुल सड़ा हुआ था. दाल और चावल में दुर्गंध थी, जो शायद तीन-चार दिन पुराना था. इसके बाद मैंने कैंटीन मैनेजर को बुलाकर खाने की गुणवत्ता की शिकायत की और वहां मौजूद कर्मचारियों व अन्य लोगों को भी खाने की दुर्गंध से अवगत कराया. सभी ने सहमति जताई कि भोजन खाने लायक नहीं था. यह पहली बार नहीं है जब कैंटीन में खराब भोजन परोसा गया. मैंने पहले भी चार-पांच बार कैंटीन प्रबंधन को चेतावनी दी थी कि खाना ताजा और अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए. सरकारी कैंटीन में रोजाना हजारों लोग, जिसमें कार्यकर्ता, किसान और अधिकारी शामिल हैं, भोजन करते हैं. ऐसे में खराब खाना परोसना लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ है.”

विधायक ने यह भी बताया कि कैंटीन में अंडे और नॉन-वेज भोजन भी कई दिनों पुराना परोसा जाता है. एक किसान के रूप में मैं सब्जियों और भोजन की ताजगी को अच्छी तरह समझता हूं. दो घंटे पुरानी सब्जी को भी मैं पहचान सकता हूं.

उन्होंने कैंटीन के प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि बार-बार शिकायत के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके कारण उन्हें कड़ा रुख अपनाना पड़ा. उन्होंने पूर्व सांसद राजन विचारे का उदाहरण देते हुए कहा कि कई साल पहले दिल्ली में भी खराब खाने की शिकायत पर उन्होंने कड़ा कदम उठाया था.

उन्होंने स्पष्ट किया, “मैंने अनाज का अपमान नहीं किया, लेकिन गलत को गलत कहना जरूरी है. मुझे इसकी परवाह नहीं कि लोग मेरे खिलाफ क्या कहते हैं. लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस घटना ने सरकारी कैंटीनों में भोजन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं. गायकवाड़ ने मांग की है कि कैंटीन प्रबंधन तुरंत सुधार करे और ताजा, स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराए.”

एसएचके/जीकेटी