नई दिल्ली, 20 मार्च . महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा को लेकर बयानबाजी जारी है. शिवसेना और कांग्रेस के सांसदों ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में इस मुद्दे को अपने-अपने राजनीतिक दृष्टिकोण से देखते हुए कार्रवाई की मांग की. वहीं, भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने परिसीमन पर दक्षिण के राज्यों की आपत्ति को लेकर कहा कि इससे किसी को नुकसान नहीं होगा.
शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने औरंगजेब के मुद्दे पर समाचार एजेंसी से कहा, “औरंगजेब का मुद्दा विपक्ष द्वारा उठाया गया, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार अच्छा काम कर रही है और लोगों की समस्याओं को दूर करने की कोशिश कर रही है. वे बाधाएं पैदा करना चाहते हैं और लोगों को गुमराह करना चाहते हैं. साथ ही राज्य में असंतोष पैदा करना चाहते हैं. उन्होंने (विपक्ष ने) ही यह सब किया है.”
नागपुर हिंसा पर उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि कुछ समय पहले मुंबई में एक मशहूर अभिनेता के घर पर हमला हुआ था और उस हमले के बाद मुंबई पुलिस की जांच में पता चला कि एक अवैध बांग्लादेशी अप्रवासी ने हमला किया था. इसलिए, इस (नागपुर हिंसा) पर जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए. राज्य सरकार, केंद्र सरकार की एजेंसियों को मिलकर सभी घुसपैठियों, अवैध अप्रवासियों को चिह्नित करना चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द निर्वासित करना चाहिए.”
नागपुर हिंसा पर कांग्रेस सांसद श्यामकुमार बर्वे ने कहा, “मैंने भी वीडियो देखा और उसमें चादर जलती हुई दिखाई दे रही है. हालांकि, यह जांच का विषय है कि चादर पर क्या लिखा था. मुझे लगता है कि इस मामले में रिपोर्ट आने तक महाराष्ट्र के गृह मंत्री को बयान नहीं देना चाहिए और वह किसी एक पक्ष के बारे में भी बात न करें. दोनों पक्षों में से जिसकी भी गलती है, उसे सजा देनी चाहिए. तीन सौ साल पुरानी घटनाओं से जुड़ी बातों पर बयान देने वाले मंत्रियों को ऐसा करने से बचना चाहिए. महाराष्ट्र में शांति बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है. कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करना न्यायपालिका और सरकार दोनों की जिम्मेदारी है. चूंकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं और वह राज्य के गृह मंत्री भी हैं, इसलिए जिम्मेदारी आखिरकार उनकी ही है.”
मिलिंद देवड़ा ने मुंबई के दिशा सालियान मौत के मामले पर कहा, “मैं इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता. मैं महाराष्ट्र के राजनेताओं से भी अनुरोध करूंगा कि वे इसका राजनीतिकरण न करें. हालांकि, घटनाक्रम गंभीर है और मुझे विश्वास है कि राज्य और केंद्र सरकारें, हमारी न्याय प्रणाली के साथ तत्काल कार्रवाई करेंगी. साथ ही उनके परिवार को न्याय दिया जाएगा.”
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने तमिलनाडु परिसीमन मुद्दे पर कहा, “तमिलनाडु में साल 2026 में चुनाव हो रहे हैं. चुनाव को ध्यान में रखते हुए सत्ताधारी द्रमुक परिसीमन और हिंदी थोपने जैसे मुद्दे उठाकर ड्रामा कर रही है. प्रधानमंत्री और सरकार ने बार-बार देश को, खासकर दक्षिणी राज्यों को आश्वासन दिया है कि परिसीमन के कारण किसी भी राज्य को कोई नुकसान नहीं होगा. इसके बावजूद इस मुद्दे को चुनाव के कारण तूल दिया जा रहा है. मुझे लगता है कि इसका चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. द्रमुक 2026 का विधानसभा चुनाव हारने जा रही है.”
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एफएम/एकेजे