कोलकाता, 2 मार्च . पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में 5 जनवरी को ईडी और सीएपीएफ टीमों पर हमले के आरोपी मास्टरमाइंड शेख शाहजहां ने आखिरकार शनिवार को जांच अधिकारियों के साथ सहयोग करना शुरू कर दिया.
संदेशखाली में स्थानीय तृणमूल नेता शाहजहां को 55 दिनों के बाद बुधवार रात उत्तरी 24 परगना जिले के मिनाखाह से गिरफ्तार किया गया था और गुरुवार को एक जिला अदालत द्वारा उन्हें 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने के तुरंत बाद तृणमूल ने शाहजहां को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया.
राज्य पुलिस के सूत्रों ने कहा कि शाहजहां शुक्रवार शाम तक काफी आक्रामक थे और असहयोग कर रहे थे, लेकिन उन्होंने शनिवार सुबह से अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देना शुरू कर दिया.
सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार की रात शाहजहां ने कथित तौर पर रात का खाना खाने में अनिच्छा दिखाई और बाद में लगभग पूरी रात बिना नींद के बिताई.
सूत्रों ने कहा कि जांच अधिकारियों का मुख्य ध्यान 5 जनवरी को ईडी और सीएपीएफ टीमों पर हमले के बाद 55 दिनों तक शाहजहां के फरार रहने के बारे में स्पष्ट जानकारी हासिल करना है.
सूत्रों ने बताया कि शाहजहां के करीबी अमित अली के बयान से सीआईडी को कुछ जानकारी मिली है कि शाहजहां ने फरारी के दौरान कितनी बार अपना ठिकाना बदला.
अब जांच अधिकारी शाहजहां से पूछताछ कर अली के बयानों को पुष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि शाहजहां शुरू में यह सोचकर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस उनके बचाव में आएगी. हालांकि, हालात अब बदल गए हैं, क्योंकि सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने संदेशखाली में एजेंसी के कर्मचारियों पर हमले के आरोपी मास्टरमाइंड से खुद को दूर कर लिया है.
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