नई दिल्ली, 28 जुलाई . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने शनिवार शाम दिल्ली ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने से तीन छात्रों की मौत के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को जिम्मेदार ठहराया है.
भाजपा प्रवक्ता ने रविवार को से बातचीत करते हुए कहा “जो दिल्ली के राजेंद्र नगर में हुआ वह इंसानों द्वारा निर्मित आपदा थी. यह हादसा नहीं हत्या थी. जिन तीन बच्चों की जान गई है वे देश के भविष्य थे. आज सामने आ चुका है इस हादसे में आम आदमी पार्टी (आप) की ना केवल आपराधिक लापरवाही थी, इसमें भ्रष्टाचार भी था.”
उन्होंने कहा कि 26 जून को एक शिकायत की गई थी की किस प्रकार से बेसमेंट में स्टोरेज के बदले लाइब्रेरी और क्लास चलाई जा रही थी. इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई “क्योंकि एमसीडी ने बड़ा पैसा लिया है. एमसीडी में और एमसीडी के नेतृत्व में कौन पैसा ले रहा था. दिल्ली की मेयर जिन्होंने कहा था कि इस इस बार मानसून को एंजॉय करना है, उन्होंने आज नींद से उठकर इंक्वायरी और गाइडलाइंस की बात की है”.
उन्होंने बताया कि दिल्ली के फायर सर्विसेज डिपार्टमेंट ने जो एनओसी नोट जारी किया था, उसमें स्टोरेज डिपार्टमेंट के लिए वहां पर परमिशन दी गई थी. फिर भी वहां पर लाइब्रेरी चल रही थी. किसको पैसे मिले. स्थानीय लोग बताते हैं कि विधायक को बार-बार कहने के बाद भी वहां की नालियां साफ नहीं हुईं. पैसा तो खर्च हुआ पर सफाई का काम नहीं किया गया. मतलब इसमें भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है.
पूनावाला ने कहा कि आज अरविंद केजरीवाल, आतिशी, मेयर साहिबा और एमएलए साहब को इस्तीफा देना चाहिए. उन्हें जिम्मेदारी उठानी चाहिए, लेकिन इसके बदले वे किसी और को दोष दे रहे हैं. एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, जल विभाग, फायर विभाग सब उनके पास है फिर भी दोष कहीं और मढ़ रहे हैं. ऐसी आठ घटनाएं पिछले चार सप्ताह में हुई हैं. इसके लिए आम आदमी पार्टी आपराधिक रूप से जिम्मेदार है.
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर में पानी भरने के कारण डूबने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी. अब मामले में नये खुलासे हो रहे हैं. पता चला है कि बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी को लेकर एक महीने पहले ही शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
छात्रों की जिंदगी से कोई खिलवाड़ न हो, इसको लेकर एक महीने पहले 26 जून को शिकायत दर्ज कराई गई थी. लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. अगर पहले ही कोई ठोस कदम उठाया गया होता तो आज तीन छात्रों की मौत नहीं होती.
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एफजेड/एकेजे