नई दिल्ली, 14 मई आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर नियम कुछ मौजूदा खिलाड़ियों और कोचों को पसंद नहीं आ रहा है, लेकिन पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने इसका समर्थन किया और कहा कि इसने रोमांचक मैच कराने में योगदान दिया है.
शास्त्री ने आर अश्विन के यूट्यूब चैनल पर कहा, “इम्पैक्ट प्लेयर नियम अच्छा है. आपको समय के साथ ढलना होगा. आप जानते हैं कि यह दूसरे खेलों में भी होता है. इससे आपको मुश्किल मैच देखने को मिलते हैं. आपको समय के साथ ढलना होगा और मुझे लगता है कि यह अच्छा नियम है. आपने देखा पिछले सीज़न में कितने नज़दीकी मैच देखने को मिले थे. तो आप जानते हैं कि यह एक बड़ा अंतर पैदा करता है.”
वहीं कुछ खिलाड़ी जैसे भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को लगता है कि इस नियम से ऑलराउंडरों के उत्थान में रूकावट डाली है, लेकिन अश्विन ने ध्रुव जुरेल का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत 2023 में इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर की थी और एक साल के अंदर भारत के लिए टेस्ट डेब्यू भी कर लिया.
शास्त्री ने कहा, “आप जानते हैं कि जब कोई नए नियम आते हैं तो कुछ लोग होते हैं जो सफ़ाई देते हैं कि यह क्यों सही नहीं है. लेकिन इसी समय पर जब आप 200-190 के स्कोर देखते हो और कोई खिलाड़ी मिले मौक़े का भरपूर फ़ायदा उठाता है तो लोग दोबारा सोचना शुरू करते हैं कि यह कैसा दिखता है.”
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने पिछले सप्ताह कहा था कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम स्थायी नहीं है और 2024 टी20 विश्व कप के बाद सभी स्टेकहोल्डर्स से बात करके इस पर विचार किया जाएगा.
शाह ने गुरुवार को बीसीसीआई के हेडक्वार्टर में कहा था, “इम्पैक्ट प्लेयर को टेस्ट के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. हमने इसे धीरे-धीरे लागू किया है. इसका सबसे बड़ा एडवांटेज यह है कि हर मैच में दो भारतीय खिलाड़ियों को मौक़ा मिल रहा है. हम खिलाड़ियों, फ़्रैंचाइज़ियों, ब्रॉडकास्टर्स से चर्चा करेंगे. यह नियमित नहीं है लेकिन मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह नहीं रहेगा.”
“हम देखेंगे कि यदि इससे मैच और प्रतिस्पर्धी बना है या नहीं. फिर भी अगर खिलाड़ी सोचता है कि यह सही नहीं है तो हम उनसे बात करेंगे. लेकिन अभी तक किसी ने हमसे कुछ नहीं कहा. इस पर विश्व कप के बाद फ़ैसला होगा.”
रोहित पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने इस नियम की आलोचना की थी. इस नियम को पिछले साल सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में लागू करने के बाद पिछले आईपीएल सीज़न में लगाया था था, जिसके तहत टॉस के समय घोषित की गई मुख्य इलेवन से कभी भी किसी भी समय 12वें खिलाड़ी के रूप में किसी अन्य खिलाड़ी से बदलकर इसको लाया जा सकता है.
इसके अलावा अक्षर पटेल और मुकेेशकुमार ने भी इस नियम के ख़िलाफ़ बात कही थी.
दिल्ली कैपिटल्स के प्रमुख कोच रिकी पोंटिंग ने हालांकि कहा था कि अगर इससे टूर्नामेंट बेहतर हो रहा है तो वह इसको बनाए रखने के लिए खुश हैं. लेकिन एक कोच के तौर पर उन्होंने स्वीकार किया कि वह इस नियम के लिए उत्सुक नहीं थे, यह एक दुस्वप्न है.
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आरआर/