टाटा संस के आईपीओ की चर्चा से टाटा समूह के शेयरों में उछाल

नई दिल्ली, 7 मार्च . टाटा संस के आईपीओ की चर्चा के कारण गुरुवार को टाटा समूह के कई शेयरों में उछाल देखा गया.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने बताया कि गुरुवार को टाटा ग्रुप के शेयरों में जोरदार तेजी देखी गई. सेंसेक्स में टाटा स्टील का शेयर सबसे ज्यादा करीब चार प्रतिशत चढ़ा. सेंसेक्स से इतर टाटा केमिकल्स में 11 प्रतिशत और टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) तथा टाटा पावर में सात-सात प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त रही.

टाटा कंज्यूमर में तीन फीसदी से ज्यादा की तेजी आई, जबकि टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन में पाँच फीसदी का अपर सर्किट लगा.

टाटा स्टील, टाटा कंज्यूमर और टाटा मोटर्स निफ्टी में शीर्ष पर रहे.

निवेश बैंकिंग फर्म स्पार्क पीडब्लूएम के अनुसार, टाटा संस संभावित रूप से टाटा समूह की कंपनियों के मौजूदा बाजार पूंजीकरण पर सात-आठ लाख करोड़ रुपये का मूल्य प्राप्त कर सकता है.

गैर-सूचीबद्ध निवेशों से मूल्य के कई लीवर उपलब्ध हैं क्योंकि समूह सेमीकंडक्टर (टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा) जैसे नए युग के क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है.

स्पार्क पीडब्लूएम ने कहा, “इस प्रकार, हमारा मानना ​​है कि समूह गैर-सूचीबद्ध निवेश और टाटा टेक्नोलॉजीज, टाटा मेटालिक्स और रैलिस जैसी स्टेप-डाउन सहायक कंपनियों से एक-डेढ़ लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त मूल्य प्राप्त कर सकता है.”

इसमें कहा गया है, “हमारा मानना है कि टाटा संस की 80 फीसदी हिस्सेदारी मुद्रीकरण योग्य नहीं हो सकती है, लेकिन पुनर्गठन प्रक्रिया से दोबारा रेटिंग हो सकती है.”

टाटा समूह के भीतर चार कंपनियां (टाटा मोटर्स, टाटा केमिकल्स, टाटा पावर और इंडियन होटल्स) टाटा संस में स्वामित्व रखती हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा संस अगले डेढ़ साल के भीतर सूचीबद्ध हो सकती है.

आरबीआई ने पिछले साल टाटा संस को ऊपरी स्तर की एनबीएफसी के रूप में वर्गीकृत किया था, जिससे कंपनी के लिए सितंबर 2025 तक एक्सचेंजों पर खुद को सूचीबद्ध करना अनिवार्य हो गया है.

फर्म ने कहा, “हमारा मानना है कि इस घटना से टाटा समूह की जटिल समूह होल्डिंग संरचना का सरलीकरण हो सकता है और कुछ सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनियों को विशाल मूल समूह के भीतर अपनी हिस्सेदारी खत्म करने में सक्षम बनाया जा सकता है.”

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