लखनऊ, 31 मार्च . लखनऊ सुपर जायंट्स के तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ने गेंदबाजों को “एक समान और निष्पक्ष मौका” देने वाली पिचों की वकालत की है. वह चाहते हैं कि पिच ऐसी हो, जो बल्लेबाजों के लिए ज्यादा मददगार न हों, जैसा कि आईपीएल में अक्सर देखा गया है.
ठाकुर ने सभी गेंदबाजों की ओर से बोलते हुए कहा कि वे सिर्फ ऐसी पिचें चाहते हैं जो एकतरफा न हों, जहां “बल्लेबाज आएं और लगातार बड़े शॉट्स लगाते रहें.”
ठाकुर ने लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) के इस सीजन में पंजाब किंग्स (पीबीकेएस) के खिलाफ पहले घरेलू मैच से पहले कहा, “यह सिर्फ मेरी मांग नहीं है, बल्कि सभी गेंदबाजों की मांग है. बहुत से गेंदबाज अपनी बात खुलकर नहीं रख सकते हैं या उन्हें मीडिया के सामने पिच की स्थिति पर बोलने का मौका नहीं मिलता.
उन्होंने कहा, “गेंदबाज सिर्फ यही मांग कर रहे हैं कि पिच को इस तरह तैयार किया जाए कि खेल संतुलित रहे और यह एकतरफा न हो, जहां बल्लेबाज आएं और लगातार बड़े शॉट्स खेलते रहें. हम सिर्फ निष्पक्ष मौका और खेल में समान अवसर चाहते हैं.”
आईपीएल 2025 के 10 मैचों में अब तक छह बार 200 से अधिक का स्कोर बना है, जिसमें सनराइजर्स हैदराबाद ने अपने पहले ही मैच में 286/6 का स्कोर खड़ा किया था. ठाकुर ने इम्पैक्ट प्लेयर नियम की थोड़ी आलोचना की, लेकिन उनका मानना है कि इस नए नियम से ज्यादा, पिचों में संतुलन बनाए रखने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, “हमने पहले ही नियम में बदलाव देखा है और इम्पैक्ट प्लेयर नियम आ चुका है, जिससे हर टीम व्यावहारिक रूप से एक अतिरिक्त बल्लेबाज खिला रही है, खासकर लक्ष्य का पीछा करते हुए. या फिर मान लीजिए कि आप पहले बल्लेबाजी कर रहे हैं, तो अब टीमों को गहराई मिल गई है, क्योंकि उनके पास बल्लेबाज बदलने और गेंदबाज को बुलाने का विकल्प है.”
“इम्पैक्ट प्लेयर नियम एक मनोरंजन का पहलू है और इससे खेल काफी बदल गया है, लेकिन 250 से ज्यादा के स्कोर बनने का कारण सिर्फ यह नियम नहीं है, बल्कि जिस तरह पिचें तैयार की जा रही हैं, वह भी बड़ी वजह है. बतौर गेंदबाजी इकाई, हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि हमें निष्पक्ष मौका दिया जाए, जहां हम बल्लेबाजों को आउट कर सकें.”
ठाकुर एक रिप्लेसमेंट प्लेयर के रूप में एलएसजी की टीम में आए थे. वह जल्द ही एलएसजी के पोस्टर बॉय बन गए हैं. वह अब तक खेले गए दो मैचों में छह विकेट लेकर टीम के सबसे सफल गेंदबाज हैं, उनकी इकॉनमी रेट 8.83 रही है. इस सीजन में उनकी रणनीति क्या रही है?
इस सवाल पर ठाकुर ने कहा, “मुझे लगता है कि यह सब तैयारी का हिस्सा है. आपकी ताकत इस बात में है कि आप अपने खेल को कितनी अच्छी तरह समझते हैं और उस दिन की पिच की स्थिति, खेल की परिस्थिति और सामने वाले बल्लेबाज को देखकर आप किस तरह से सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी कर सकते हैं.”
“मुझे दूसरों के बारे में नहीं पता, लेकिन मैं बस यही कोशिश करता हूं कि अपने प्रदर्शन का सबसे अच्छा मौका निकाल सकूं.”
एलएसजी इस साल चोटों से परेशान रही है. मोहसिन खान बाहर हो चुके हैं, जबकि मयंक यादव, जो लम्बर स्ट्रेस इंजरी से उबर रहे थे, अब पैर के अंगूठे की चोट से भी जूझ रहे हैं.
आकाशदीप भी अभी तक ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट दौरे में लगी पीठ की चोट से पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं. ठाकुर इस बात पर अडिग हैं कि टीम उन खिलाड़ियों पर ध्यान नहीं दे सकती जो अनुपलब्ध हैं, और टीम में मौजूद सभी खिलाड़ी बराबर हैं.
उन्होंने कहा, “एक टीम के रूप में, मेरा मानना है कि जो हमारे सामने है, वही महत्वपूर्ण है. आज, हमारे पास ये गेंदबाज हैं और हम इस गेंदबाजी इकाई के साथ अच्छा कर सकते हैं. हमें इसी पर ध्यान देना है. कोई भी खिलाड़ी यह नहीं सोचता कि आकाशदीप नहीं है, मयंक यादव नहीं है, इसलिए हमारी गेंदबाजी कमजोर हो गई है.”
“आईपीएल में 25 खिलाड़ियों की टीम होती है. ये सभी 25 खिलाड़ी बराबर हैं. यह ज़रूर है कि पिछले प्रदर्शन या प्रतिभा के आधार पर आपको ज्यादा मौके मिल सकते हैं. लेकिन जब आप मैदान पर उतरते हैं, तो इसका प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं होता. प्रदर्शन आपके आत्मविश्वास, उस दिन आपकी स्थिति और टूर्नामेंट से पहले आपकी तैयारी पर निर्भर करता है.”
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