महाराष्ट्र में ‘लड़की बहिन’ योजना के पोस्टरों पर दिखी सत्ताधारी नेताओं की तस्वीरें, शरद पवार ने जताई नाराजगी

रत्नागिरी (चिपलुन), 23 सितंबर . राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को ‘मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना’ पर अपनी नाराजगी व्यक्त की. क्योंकि इसके पोस्टरों पर सत्तारूढ़ महायुति के शीर्ष नेताओं की तस्वीरें छपी हुई है.

वरिष्ठ मराठा नेता ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में 24 वर्षों तक सेवा की. उन्होंने लगभग 16 वर्षों तक कैबिनेट मंत्री और नौ वर्षों तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है. साथ ही उन्होंने 55 वर्षों से अधिक के अपने सार्वजनिक जीवन में विभिन्न पदों पर केंद्र में भी कार्य किया है.

पवार ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “जहां तक ​​मेरी समझ है, जब भी सरकार इस राज्य या किसी अन्य राज्य में कोई योजना शुरू करती है, तो उसके लिए धन सरकार के खजाने से आता है. मेरे अपने संसाधनों से नहीं. इसलिए हम कभी भी अपनी तस्वीर नहीं डालते या ऐसा दिखावा नहीं करते कि हम अपनी जेब से इसका वित्तपोषण कर रहे हैं.”

हालांकि, उन्होंने कहा कि लोग (आगामी) महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद इस बारे में अपना फैसला देंगे कि वे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार की तस्वीरों के बारे में क्या सोचते हैं.

पवार ने कहा, “इस समय जनता की मानसिकता हमें समर्थन देने की है. इसलिए हम जनता के एजेंडे को जनता तक ले जा रहे हैं. अन्य सभी पार्टियों को भी ऐसा करने का अधिकार है, लेकिन हमें लगता है कि जनता हमारे एजेंडे का समर्थन करेगी.”

साथ ही पवार ने विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर खुलासा किया, “किसी भी पार्टी या उसके कार्यकर्ताओं को यह सोचने का अधिकार है कि वे राज्य में सीएम पद का दावा करने वाला सबसे बड़ा समूह बन जाएंगे. हमने पूरे मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तीन गठबंधन सहयोगियों की एक समिति गठित की है. कौन किस सीट (कुल 288 निर्वाचन क्षेत्रों में से) पर चुनाव लड़ेगा, इस पर अंतिम निर्णय अगले सोमवार-मंगलवार तक होने की संभावना है.”

तटीय कोंकण क्षेत्र में एनसीपी के संभावित निर्वाचन क्षेत्रों के अपने पाले में आने की संभावना पर, पवार ने मुस्कुराते हुए कहा कि “अन्य दलों द्वारा हमारे लिए जो भी सीटें छोड़ी जाएंगी, हम उन सभी पर खुशी से चुनाव लड़ेंगे.”

पवार ने याद दिलाया कि जब जनता पार्टी गठबंधन बना था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि राष्ट्रीय चुनावों के बाद मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बनेंगे. पवार ने कहा, “आज हम लोगों को यह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि हम उन्हें एक ऐसा विकल्प दे सकते हैं जो उनके कल्याण के लिए काम कर सकता है…चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का फैसला किया जा सकता है.” उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री पद के लिए हो रही खींचतान खत्म हो जाएगी.

आरके/जीकेटी