पटना, 3 अगस्त . राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता शक्ति सिंह यादव ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची में गड़बड़ियों का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया है कि विशेष रूप से जीवित मतदाताओं को मृत घोषित कर दिया गया है.
Sunday को से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया से लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और चुनाव आयोग (ईसीआई) अपने फैसलों पर पूर्ण नियंत्रण में नहीं दिखता.
उन्होंने दावा किया है कि तेजस्वी यादव ने जो भी आरोप लगाए हैं, वह सच हैं. जब उन्होंने अपना इपिक नंबर सार्वजनिक किया, तो आयोग ने जल्दबाजी में सुधार किया.
राजद नेता ने सवाल उठाया कि उनके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम एक जगह होने के बावजूद उनका नाम अलग क्यों है? चुनाव आयोग ने जो सुधार आनन-फानन में किए हैं, यह किसी से छिपा नहीं है. क्योंकि, आयोग में खलबली मच गई थी, जब तेजस्वी ने आरोप लगाया था कि उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया.
आयोग का कहना है कि एसआईआर की प्रक्रिया मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाने के लिए है. 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावा-आपत्ति की अवधि में लोग अपने नाम जोड़ने या सुधारने के लिए आवेदन कर सकते हैं.
शक्ति सिंह यादव ने सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने महागठबंधन की जीत राहुल गांधी के विजन से संभव बताई है. राजद नेता ने कहा कि तेजस्वी यादव न केवल महागठबंधन की समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं, बल्कि 2020 के विधानसभा चुनाव में उनकी विश्वसनीयता भी साबित हो चुकी है. किसी के कहने से कुछ नहीं होता है. नेतृत्व के फैसले ही सभी को मंजूर होता है.
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