-इंडियन फैक्ट्री लॉ के हिसाब से बक्सर सेंट्रल जेल में ही बनाई जाती है रस्सी
बक्सर . बिहार (Bihar) के बक्सर में स्थित सेंट्रल जेल एक बार फिर सुर्खियों में है. वजह फिर वही है- फांसी की रस्सी. इस जेल को को एक बार फिर से फांसी की रस्सी बनाने का ऑर्डर मिला है. इस बार 7 हत्या (Murder) ओं की आरोपी महिला शबनम को फांसी दी जानी है. फांसी की रस्सी बनाने के लिए मथुरा (Mathura) जेल से हाल ही में बक्सर सेंट्रल जेल को निर्देश मिले हैं. गौरतलब है कि पूरे भारत में फांसी की रस्सी केवल बक्सर जेल में ही बनाई जाती है, क्योंकि इंडियन फैक्ट्री लॉ के हिसाब से बक्सर सेंट्रल जेल के अलावा कोई और जेल में यह रस्सी नहीं बनाई जा सकती है. फांसी की रस्सी बनाने की मशीन अंग्रेजों ने इसी जेल में लगाई थी. जानकारी के मुताबिक, ये फांसी की रस्सी शबनम के लिए तैयार हो रही है.
शबनम उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के गांव के बावनखेड़ी की रहने वाली है. उसके पिता शौकत अली टीचर थे. उनकी इकलौती बेटी शबनम ने 14 अप्रैल 2008 की रात प्रेमी सलीम के साथ मिलकर जो खूनी खेल खेला था, उससे पूरा देश हिल गया था. शबनम ने माता-पिता और 10 माह के मासूम भतीजे समेत परिवार के 7 लोगों को कुल्हाड़ी से काट डाला था. सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) से पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद अब शबनम की फांसी की सजा को राष्ट्रपति ने भी बरकरार रखा है. गौरतलब है कि मथुरा (Mathura) जेल में 150 साल पहले महिला फांसी घर बनाया गया था. वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि अभी फांसी की तारीख तय नहीं है, लेकिन हमने तैयारी शुरू कर दी है. डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी.