कोच्चि, 14 मार्च . मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा विजयन की आईटी फर्म एक्सलॉजिक की जांच कर रहे गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने केरल की लगभग एक दर्जन कंपनियों को एक्सलॉजिक से लेनदेन से संबंधित सभी दस्तावेजों के साथ शुक्रवार को उसके चेन्नई कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा है.
पिछले महीने कर्नाटक हाई कोर्ट ने जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
एसएफआईओ रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) द्वारा कंपनी की प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों पर कार्रवाई कर रहा है.
आरओसी जांच से पहले, इस मुद्दे को सबसे पहले कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनादन ने एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर उठाया था, जिसमें एक आयकर निपटान बोर्ड के हवाले से कहा गया था कि एक्सलॉजिक को खनन कंपनी सीएमआरएल से 1.72 करोड़ रुपये मिले थे. सीएमआरएल में केरल राज्य औद्योगिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (केएसआईडीसी) की करीब 13 फीसदी हिस्सेदारी है.
एसएफआईओ पहले ही सीएमआरएल और केएसआईडीसी अधिकारियों से बयान ले चुका है. वीणा विजयन अपनी फर्म की एकमात्र निदेशक हैं.
कंपनियों को व्यावसायिक अनुबंध, चालान और एक्सलॉजिक के साथ किए गए व्यवसाय के सभी दस्तावेजी साक्ष्य के साथ उपस्थित होने के लिए कहा गया है.
केरल उच्च न्यायालय की एकल पीठ के न्यायाधीश देवन रामचंद्रन ने मंगलवार को मौखिक रूप से टिप्पणी की, “आपकी (केएसआईडीसी) विश्वसनीयता की रक्षा के लिए मैं यह कह रहा हूं… आपको वास्तव में उनके साथ सहयोग करना चाहिए. निर्णय लेना आप पर छोड़ दिया गया है. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आपको ऐसा करना चाहिए, मैं कह रहा हूं कि आम तौर पर आपको खुशी होनी चाहिए था कि आपका नाम पाक-साफ हो जाएगा क्योंकि सीएमआरएल के बोर्ड में आपका एक नामांकित निदेशक है.”
अदालत में, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, अरविंद कामथ ने कहा कि एसएफआईओ के पास जांच करने की शक्ति है, और यह भी बताया कि एसएफआईओ द्वारा की गई जांच से केएसआईडीसी को यह जानने में मदद मिलेगी कि क्या सीएमआरएल ने केएसआईडीसी की जानकारी के बिना अवैध लेनदेन किया था.
लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के इस मुद्दे पर आक्रामक होने की संभावना है.
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एकेजे/