सेक्स वीडियो कांड: सिद्धारमैया व कुमारस्वामी के बीच जारी जुबानी जंग हुई निजी

बेंगलुरु, 25 मई . कथित सेक्स वीडियो स्कैंडल को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बीच जुबानी जंग शनिवार को निजी हो गई.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कि पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने अपने पोते, सेक्स वीडियो कांड के मुख्य आरोपी प्रज्वल रेवन्ना को विदेश भेज दिया, कुमारस्वामी ने सवाल किया कि क्या सिद्धारमैया ने अपने “बेटे को मरने के लिए विदेश भेजा था.”

कुमारस्वामी ने कहा, “चाहे कोई भी हो, दर्द तो दर्द ही होता है. आपके (सीएम सिद्धारमैया के) परिवार में एक घटना घटी. क्या आपने अपने बेटे को विदेश भेजा? क्या आप उसकी मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं?” .

उन्होंने कहा कि सभी नेता राजनयिक पासपोर्ट के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कानून की कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि राजनयिक पासपोर्ट को तुरंत रद्द नहीं किया जा सकता है.

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को “सीडी शिवू” कहकर संबोधित करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि उस व्यक्ति को शिवकुमार कहकर संबोधित करने की जरूरत नहीं है. उन्हें “सीडी शिवू” के नाम से संबोधित किया जाना चाहिए. कुमारस्वामी ने पूछा, आपने दलाल शिवरामेगौड़ा (पूर्व कांग्रेस सांसद) से बात क्यों की?

“अगर शिवकुमार की कोई भूमिका नहीं है, तो उन्होंने देवेगौड़ा परिवार को बदनाम करने के लिए भाजपा नेता जी. देवराजे गौड़ा और शिवरामेगौड़ा से बात क्यों की? कुमारस्वामी ने कहा, वह एक दलाल का काम कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को निष्पक्ष तरीके से जांच करानी चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “उन्हें असली दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने दीजिए, हमें कोई आपत्ति नहीं है.”

आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राकेश सिद्धारमैया (उनके बेटे) की मौत को आठ साल हो गए हैं. 2016 में उनके बेटे का निधन हुआ, अब इस मामले को उठाने की क्या प्रासंगिकता है? सिद्धारमैया ने कहा, कुमारस्वामी के बड़े भाई के बेटे के खिलाफ बलात्कार का मामला है.

मुख्यमंत्री ने पूछा, किस धारा के तहत वीडियो बांटना बलात्कार से भी अधिक गंभीर अपराध है? “आईपीसी की कौन सी धारा इसकी व्याख्या करती है? कुमारस्वामी किस धारा का जिक्र कर रहे हैं?”

मुख्यमंत्री ने कहा, कुमारस्वामी का कहना है कि मामले को उजागर करना बलात्कार से भी अधिक गंभीर अपराध है. मैं पूछना चाहता हूं कि आईपीसी की कौन सी धारा यह कहती है. क्या उनके पास अपना कोई नया आपराधिक कानून है.

उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने प्रज्वल रेवन्ना को पासपोर्ट जारी किया है और उसे इसे रद्द करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा,“ इस संबंध में हमें मंत्रालय को पत्र लिखे हुए 15 दिन हो गए हैं. एसआईटी ने भी पत्र लिखा है. उन्हें और क्या चाहिए? उन्हें जांच में गलतियां नहीं ढूंढनी चाहिए.”

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