जनता मजदूर कॉलोनी में कई राउंड फायरिंग हुई, दहशत में लोग

उत्तर पूर्वी दिल्ली, 4 सितंबर . उत्तर पूर्वी दिल्ली के जनता मजदूर कॉलोनी में बुधवार तड़के कई राउंड फायरिंग की गई. स्थानीय लोगों के अनुसार, फायरिंग कॉलोनी की गली नंबर 22 और 20 में हुई. घरों की दीवार पर गोलियां के निशान भी मौजूद हैं.

बता दें कि जुलाई माह में इसी कॉलोनी में कुछ अज्ञात हमलावरों ने कई राउंड फायरिंग की थी. जिसमें एक महिला गोली लगने से घायल हो गई थी. उसे तत्काल इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया था. अब एक बार फिर इसी कॉलोनी में गोलियां चलने से इलाके के लोग दहशत में हैं.

एक स्थानीय निवासी के अनुसार, मैंने सुना है कि सुबह 4 से 5 बजे के आसपास गोलीबारी हुई. गली नंबर 22 और 20 में दो अलग-अलग जगहों पर गोलियां चलीं. बताया जा रहा है कि 5 से 7 राउंड फायरिंग हुई. मेरे घर पर भी फायरिंग हुई. यहां गोलीबारी होना अब आम सी बात हो गई है.

इस इलाके ने जो दिया, वहीं, यहां की युवा पीढ़ी ले रही है. डॉक्टर, इंजीनियर, बैंककर्मी, पुलिस बनकर किसी को अपना भविष्य सुनिश्चित नहीं करना है. यहां के युवाओं को कट्टा, गोली, चाकूबाजी करना है. हैरत की बात यह है कि देश की सबसे सतर्क पुलिस में से एक यहां की दिल्ली पुलिस भी इलाके में हो रही आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने में फेल हो रही है.

ऐसा आरोप है कि दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारी इनसे मिले हुए हैं. गोली चलाने वाले पकड़े जाते हैं, उन्हें पुलिस वाले लेकर जाते हैं, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया जाता है. पुलिस की हिरासत से बाहर आने के बाद वह बदला लेने के लिए हत्या जैसी वारदात को अंजाम देते हैं. इसके बाद पुलिस हरकत में आती है और तब जाकर कोई मामला दर्ज होता है.

स्थानीय निवासी के अनुसार, पूर्व में मेरे भाई पर चाकू से हमला हुआ था. हमें आरोपियों ने धमकाया था, गवाही देने से मना किया था. लेकिन, हम पीछे नहीं हटे. जिसके चलते आरोपियों को जमानत नहीं मिली. अब गोलियां चलाकर दहशत का माहौल बनाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि पूर्व की घटना में 10 से 15 राउंड गोलियां चली थीं. एक गोली मेरी मां के छाती में जाकर लगी थी. आज के मामले में अब तक क्राइम टीम नहीं आई है. लेकिन, घटना की सूचना मिलने पर वेलकम थाना पुलिस पहुंची है.

उन्होंने जिला के डीएसपी से अपील की है कि वह सोशल मीडिया पर ध्यान दें, क्योंकि, यहां के बच्चे कट्टा, बंदूक, चाकूबाजी करते हुए वीडियो इंस्टाग्राम और फेसबुक पर पोस्ट करते हैं. अगर, इन पर पहले ही कार्रवाई की जाए तो यहां पर गोलीबारी होने की संभावना न के बराबर रह जाएगी.

डीकेएम/एफजेड