नई दिल्ली, 8 मार्च . प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के तहत पिछले तीन महीने में सात हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की गई है. इसकी पहली किस्त इस साल 15 जनवरी को जारी की गई थी. जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संकलित आँकडों से यह जानकारी सामने आई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को 24 हजार करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मिशन शुरू किया था जो तीन साल के लिए है.
योजना के तहत क्रियान्वित की जाने वाली अधिकांश परियोजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करना, संबंधित राज्य विभागों द्वारा मंजूरी और संबंधित मंत्रालयों द्वारा अनुमोदन की आवश्यकता होती है.
अधिकांश राज्यों में, बजट परिव्यय का केंद्र का हिस्सा जारी कर दिया गया है, और आवास, पानी, सड़क, बिजली, दूरसंचार और बहुउद्देशीय केंद्रों से संबंधित परियोजनाओं में निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं. कई राज्यों में जनवरी 2024 में स्वीकृत मोबाइल मेडिकल इकाइयां तथा आँगनबाड़ी कार्यात्मक हो गई हैं और वनधन केंद्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण शुरू हो गया है.
यह योजना पात्र परिवारों और बस्तियों को निम्नलिखित लाभ प्रदान करती है:
*100 या अधिक की आबादी वाली गांव/बस्ती के लिए सड़क कनेक्टिविटी
*हर बस्ती के लिए दूरसंचार कनेक्टिविटी
*शौचालय और स्वच्छ पेयजल के साथ स्थानीय स्तर पर पसंदीदा डिज़ाइन के अनुसार पक्का घर
*छूटे हुए घरों के लिए ऑन-ग्रिड और सौर ऊर्जा द्वारा बिजली
*जहां स्वास्थ्य केंद्र मौजूद नहीं है, वहाँ स्कूल और मोबाइल मेडिकल यूनिट से जुड़े एक समर्पित छात्रावास की स्थापना करके शिक्षा और स्वास्थ्य तक पहुंच में सुधार
*व्यावसायिक शिक्षा/कौशल तक बेहतर पहुंच
गतिशक्ति पोर्टल पर विकसित एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से राज्यों द्वारा 30 हजार बस्तियों का डेटा एकत्र किया गया है और निवास स्तर पर विभिन्न बुनियादी ढांचे के अंतराल का अनुमान लगाने के लिए राज्य सरकारों / केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन / विभागों द्वारा निवास स्तर के सर्वेक्षण किए गए थे.
डेटा के संग्रह और सत्यापन को पूरा करने के लिए 25 दिसंबर 2023 से 100 से अधिक जिलों में 10 हजार से अधिक शिविर आयोजित किए गए हैं. आवास स्तर सर्वेक्षण के माध्यम से पहचाने गए अंतराल पीएम जनमन से जुड़े सभी नौ मंत्रालयों के लिए शुरुआती बिंदु हैं.
संबंधित मंत्रालय अपने राज्य विभाग के माध्यम से अंतर के सत्यापन के बाद राज्यों से प्रस्ताव आमंत्रित कर रहे हैं और उन्हें मंजूरी दे रहे हैं. पिछले चार महीने में दो लाख से अधिक आधार, पाँच लाख आयुष्मान कार्ड, 50 हजार जनधन खाते जारी किये गये हैं. एफआरए पट्टे पाने वाले पाँच लाख से अधिक आदिवासी परिवारों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ दिया गया.
योजना के तहत उल्लेखनीय उपलब्धियों में कर्नाटक के मैसूरु में एक आदिवासी बस्ती को आजादी के 75 साल बाद बिजली कनेक्शन मिलना और एमएसईडीसीएल द्बारा 12 दिन में महाराष्ट्र में 2,395 आदिवासी घरों में बिजली आपूर्ति शुरू करना शामिल है.
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एकेजे/