नई दिल्ली, 17 अक्टूबर . हर 10 में सात भारतीय सोने (गोल्ड) को सुरक्षित निवेश मानते हैं. साथ ही उनका कहना है कि सोने में निवेश से उनकी बचत करने की आदत पर सकारात्मक असर हुआ है. यह जानकारी एक सर्वे रिपोर्ट में दी गई.
मनीव्यू के मुताबिक, “सर्वे में भाग लेने वाले 3,000 में से 85 प्रतिशत लोगों का मानना है कि वेल्थ क्रिएट करने के लिए सोना एक जरूरी एसेट है. इसकी वजह सोना का लगातार रिटर्न देना और उसकी वैल्यू हमेशा बने रहना है.”
सर्वे में आगे बताया गया कि 25 से 40 वर्ष के निवेशक फिजिकल के साथ डिजिटल तरीके से भी सोने में निवेश कर रहे हैं. यह उनकी रिटायरमेंट और लंबी-अवधि की बचत की रणनीति का हिस्सा है.
आज के डिजिटल युग में निवेश के लिए सोने की तरफ अधिक रुझान होने की वजह टेक प्लेटफॉर्म के जरिए आसानी से सोने में निवेश के अवसर मिलना है.
सर्वे में आगे बताया गया कि शुद्धता की गारंटी, बीमाकृत भंडारण, एसआईपी विकल्पों की उपलब्धता और आसानी से निवेश के कारण भी डिजिटल तरीके से लोग सोने में निवेश कर रहे हैं.
सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, 35 वर्ष से कम के 75 प्रतिशत लोग सोने में निवेश के लिए फिजिकल की अपेक्षा डिजिटल को अधिक महत्व दे रहे हैं. इसकी वजह तरलता और निवेश की आसान सुविधा होना है.
सर्वे में भाग लेने वालों में 50 प्रतिशत से अधिक का मानना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आंशिक मात्रा में सोना खरीदने की क्षमता सबसे आकर्षक सुविधाओं में से एक है, जो उन्हें अपनी निवेश आदतों को बदलने के लिए प्रेरित करती है.
सर्वे में शामिल लगभग 65 प्रतिशत मिलेनियल्स ने इसकी पहुंच और सुविधा में आसानी के कारण डिजिटल सोने को प्राथमिकता दी.
मनीव्यू की मुख्य व्यवसाय अधिकारी सुषमा अब्बुरी ने कहा कि डिजिटल गोल्ड लोगों के सोने में निवेश करने के तरीके को बदल रहा है. आसानी से पहुंच, सुरक्षित और कम वैल्यू में निवेश जैसी सुविधाओं के कारण लोगों का इसकी तरफ रुझान बढ़ रहा है.
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एबीएस/एबीएम