बर्लिन, 22 दिसंबर . जर्मनी के मैगडेबर्ग में एक क्रिसमस बाजार में हुए भयानक हमले में घायल हुए लोगों में सात भारतीय भी शामिल हैं.
हमले में एक 9 वर्षीय बच्चे सहित पांच लोगों की मौत हो गई और लगभग 200 घायल हो गए.
सूत्रों ने बताया कि घायल भारतीयों में से तीन को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. भारतीय दूतावास प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवारों के संपर्क में है.
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने घटना की निंदा करते हुए इसे “भयावह और मूर्खतापूर्ण हमला” बताया.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “कई बहुमूल्य जान चली गईं और कई लोग घायल हो गए. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों के साथ हैं.”
मंत्रालय ने पुष्टि की है कि जर्मनी में भारतीय मिशन घायलों और उनके परिवारों के साथ समन्वय कर रहा है ताकि सहायता और सहयोग सुनिश्चित किया जा सके.
शुक्रवार की शाम को 50 वर्षीय सऊदी नागरिक ने मैगडेबर्ग के सिटी हॉल के पास भीड़ भरे क्रिसमस बाजार में एक काले रंग की बीएमडब्ल्यू कार चलाई. जिसकी पहचान तालेब ए. के रूप में हुई है. कार ने लगभग 400 मीटर तक टेढ़े-मेढ़े तरीके से यात्रा की, जिससे पुलिस द्वारा रोके जाने से पहले व्यापक अफरा-तफरी मच गई.
2006 से जर्मनी में रहने वाले डॉक्टर तालेब को घटनास्थल से ही गिरफ्तार कर लिया गया. सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध व्यक्ति को बुरी तरह क्षतिग्रस्त वाहन के पास जमीन पर लेटा हुआ दिखाया गया है.
एम्बुलेंस और अग्निशमन दल सहित आपातकालीन सेवाओं ने पीड़ितों की सहायता के लिए तुरंत प्रतिक्रिया दी.
हमले के बाद क्रिसमस बाजार अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है, और स्थानीय अधिकारियों ने सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है.
अधिकारियों ने खुलासा किया है कि तालेब के विचार “इस्लामोफोबिक” थे. उसने सऊदी अरब के शरणार्थियों के प्रति जर्मनी के व्यवहार पर असंतोष व्यक्त किया था.
तालेब को “सऊदी नास्तिक” के रूप में जाना जाता था, जिसने रूढ़िवादी राज्य से महिलाओं को भगाने में मदद की थी. वह इस्लाम और जर्मनी की शरणार्थी नीतियों के विरोध के बारे में मुखर था.
शुक्रवार की घटना ने 2016 के बर्लिन क्रिसमस बाजार हमले की याद दिला दी है, तब एक ट्रक को जानबूझकर भीड़ में घुसा दिया गया था, जिसमें 12 लोग मारे गए थे और 70 से अधिक घायल हो गए थे. वह हमलावर इटली भाग गया था, जहां बाद में पुलिस ने उसे गोली मार दी थी.
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एकेएस/केआर