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New Delhi, 12 नवंबर . टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने Wednesday को कहा कि टाटा मोटर्स के कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल्स बिजनेस सेगमेंट का डीमर्जर एक बड़ी उपलब्धि है इससे एक नए युग की शुरुआत हुई है और एक लंबे साझा वित्तीय इतिहास के बाद दोनों कंपनियों को स्वतंत्र रूप से विकास की रणनीतियां बनाने का मौका मिलेगा.
टाटा मोटर्स की कमर्शियल इकाई के लिस्टिंग समारोह में बोलते हुए चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (एमपीवी) को हमेशा से टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स (टीएमसीवी) से सपोर्ट मिलता आया है.
उन्होंने आगे कहा कि कमर्शियल व्हीकल्स सेगमेंट से कैश फ्लो आ रहा है और इसका पैसेंजर व्हीकल्स सेगमेंट के पूंजीगत व्यय में उपयोग किया जा रहा था.
चंद्रशेखरन के मुताबिक, दोनों कारोबार को मजबूत रखने के लिए टाटा मोटर्स का डीमर्जर आवश्यक था.
दोनों सेगमेंट के डीमर्जर का विचार सबसे पहले 2017-18 में आया था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई. इस पर बाद में फिर से ध्यान केंद्रित किया गया और पिछले कुछ वर्षों में इसने गति पकड़ी, जिसका समापन इस वर्ष की शुरुआत में आधिकारिक रूप से डीमर्जर के रूप में हुआ.
चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स लगातार मुनाफे में बनी रही है, लेकिन टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स को लगातार वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. पिछले 8-9 साल पहले मुझे स्पष्ट हो गया था कि इस कंपनी को एक अलग रास्ता अपनाना होगा और डीमर्जर करने से पहले, इसे तैयार करना होगा.”
दिन की शुरुआत में टाटा मोटर्स की कमर्शियल इकाई के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 335 रुपए प्रति यूनिट पर लिस्ट हुए, जो कि डिस्कवरी प्राइस 260.75 रुपए प्रति यूनिट से 28.5 प्रतिशत अधिक था
वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल के शेयर 330.25 रुपए प्रति यूनिट पर लिस्ट हुए, जो कि डिस्कवरी प्राइस 261.90 रुपए प्रति शेयर से 26.09 प्रतिशत अधिक था.
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एबीएस/