वरिष्ठ सांसद भर्तृहरि महताब ने ‘भारी मन से’ बीजद से इस्तीफा दिया

भुवनेश्वर, 22 मार्च . बीजद के वरिष्ठ नेता और ओडिशा की राजधानी कटक से सांसद भर्तृहरि महताब (66) ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

महताब ने शुक्रवार को कटक में एक प्रेस वार्ता के दौरान अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा, “मैंने बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक को एक पत्र भेजा है, जिसमें मैंने उल्लेख किया है कि मैं बीजद के गठन के बाद से ही इसमें शामिल हूं और पार्टी के विकास में कुछ योगदान भी दिया है.

“आज मैंने भारी मन से पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. मैं इस पत्र के माध्यम से बीजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं, जिसे मैंने पार्टी अध्यक्ष से तुरंत स्वीकार करने का अनुरोध किया है.”

महताब ने यह भी दावा किया कि पिछले ढाई साल से उन्हें पार्टी से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों में अपनी आवाज उठाने और अपना अनुभव साझा करने से रोका गया.

वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्हें गंभीर आलोचना का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि जब भी उन्होंने पार्टी के कामकाज के बारे में कुछ कहने की कोशिश की तो उनके विचारों की गलत व्याख्या की गई.

महताब ने यह भी कहा कि उनका धैर्य चूक गया था, इसलिए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.

महताब ने कहा, “बीजद, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने और आत्म-प्रशंसा से दूर रहने के लिए बनाया गया था, बहुत बदल गया है. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से पार्टी जिस तरह से चल रही है, उसमें सुधार लाने के लिए मैंने कई बार कोशिश की है. मुझे लगता है कि पार्टी से नाता तोड़ने के बाद अब मैं ठीक से अपनी आवाज उठा सकूंगा.”

हालाँकि, कटक सांसद ने भाजपा या किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने या राजनीति से संन्यास लेने के बारे में कुछ भी नहीं बताया.

महताब ने कहा कि वह भविष्य में कोई भी निर्णय लेने से पहले लोगों और अपने शुभचिंतकों के साथ चर्चा करेंगे.

हालांकि ऐसी अटकलें हैं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं.

महताब 1998 से बीजद के टिकट पर कटक से छह बार जीत चुके हैं. वह उड़िया दैनिक ‘द प्रजातंत्र’ के संपादक भी हैं. इस अखबार की स्थापना उनके पिता और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री हरेकृष्ण महताब ने की थी.

गौरतलब है कि महताब ने 13 साल पहले एक कार्यक्रम के दौरान एक पुलिस अधिकारी पर कथित हमले के मामले में एमपी/एमएलए की विशेष अदालत द्वारा उनके खिलाफ आरोप तय किए जाने के एक दिन बाद पार्टी से इस्तीफा दिया है.

उन पर 23 जनवरी 2011 को कटक में नेताजी जन्मस्थान संग्रहालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर अमिताभ महापात्र, जो अब एसीपी के रूप में तैनात हैं, को थप्पड़ मारने का आरोप था.

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