नई दिल्ली, 21 जनवरी . अगले महीने की शुरुआत में आने वाले आम बजट से पहले केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार के सेमीकंडक्टर प्रोग्राम और इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए लाई गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत हुए निवेश और पैदा हुए रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी दी.
मंत्रालय ने कहा कि “प्रोग्राम फॉर डेवलपमेंट ऑफ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम” का उद्देश्य सेमीकंडक्टर पैकेजिंग और सेमीकंडक्टर डिजाइनिंग कंपनियों को आकर्षक प्रोत्साहन सहायता प्रदान करना है.
15 दिसंबर, 2021 को अप्रूव किए गए सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम ने वैश्विक सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में भारत की स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
इस प्रोग्राम के तहत सरकार ने पांच सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है और 16 सेमीकंडक्टर डिजाइन कंपनियों को सपोर्ट दिया है. इन प्रोजेक्ट्स से 1.52 लाख करोड़ रुपये का कुल निवेश आने की उम्मीद है.
इन सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स से 25,000 के करीब प्रत्यक्ष रोजगार और 60,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे.
सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए लाई गई पीएलआई स्कीम से इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव आया है. भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स प्रोडक्शन 6.14 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है और निर्यात 3.12 लाख करोड़ रुपये पर हो गया है.
इससे करीब 1.28 लाख प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं.
मंत्रालय ने आगे कहा कि कन्वर्जेंस, कम्युनिकेशन और ब्रॉडबैंड से जुड़ी टेक्नोलॉजी आने वाले वर्षों में विकसित भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.
मंत्रालय ने बयान में आगे कहा कि एक मजबूत नीतिगत ढांचे और निवेश के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में अग्रणी बनने की भारत की यात्रा गति पकड़ रही है. जैसे-जैसे देश इन महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी में प्रगति को अपना रहा है, यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बड़ा योगदान देने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार है.
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एबीएस/