इंफाल, 7 अप्रैल . मणिपुर के पहाड़ी और घाटी जिलों के सीमांत और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने एक बड़ा तलाशी अभियान चलाया. यह जानकारी मणिपुर पुलिस ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर दी है.
इस अभियान का मकसद इलाके में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना था. तलाशी के दौरान सुरक्षा बलों को कई हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामान मिले. बरामद वस्तुओं में 1 एसएलआर राइफल के साथ 1 मैगजीन, 1 सिंगल बैरल 12 बोर गन, 21 राउंड 7.62 मिमी गोला-बारूद, 14 खाली कारतूस, 3 अन्य कारतूस, 1 फायरिंग पिन, 8 टियर स्मोक शेल (एसआर), 11 टियर स्मोक शेल (एन), 1 टियर स्मोक शेल (मिर्च), और 3 स्टन शेल शामिल हैं.
इसके अलावा, 3 बॉडी प्रोटेक्शन जैकेट (2 प्लेटों के साथ), 2 बुलेटप्रूफ ट्राउजर, 14 बुलेटप्रूफ शर्ट, 4 बुलेटप्रूफ बैग, 2 स्कूल बैग, 4 बुलेटप्रूफ पी-कैप, 1 स्लीपिंग बैग, 2 जोड़ी जंगल बूट, और 1 जोड़ी स्पोर्ट्स शूज भी मिले. यह सामान थौबल जिले के हीरोक पार्ट-III के उयोक चिंग वन क्षेत्र से बरामद किया गया.
तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों पर संदिग्ध बदमाशों ने गोलीबारी शुरू कर दी. इन बदमाशों के केसीपी (पीडब्लूजी) संगठन से जुड़े होने का शक है. सुरक्षा बलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और स्थिति को काबू में किया. इस मुठभेड़ के बाद इलाके की गहन जांच की गई, जिसमें एक विशाल शिविर मिला.
माना जा रहा है कि यह शिविर सशस्त्र बदमाशों का ठिकाना था. शिविर से रोजमर्रा की कई चीजें भी बरामद हुईं, जैसे 12 बीटाडीन ट्यूब, 16 सिरिंज, 4 आईवी सेट, 80 पैरासिटामोल टैबलेट, 1 कॉटन रोल, 7 कंबल, 3 जार, 3 बाल्टी, 1 बाटू, और 2 दूध की बोतलें.
इसके साथ ही 1 नोटिस बोर्ड, 1 टाटा सफारी वाहन, और 2 जिप्सी वाहन भी मिले. बरामद सामानों से साफ है कि यह शिविर लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए तैयार किया गया था.
इस ऑपरेशन ने संवेदनशील इलाकों में सशस्त्र समूहों की मौजूदगी को फिर से उजागर किया है. बरामद हथियारों और सामानों की जांच शुरू कर दी गई है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये कहां से आए और इनका इस्तेमाल किस मकसद से किया जा रहा था. सुरक्षा बलों ने इलाके में अपनी चौकसी बढ़ा दी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के बेहतर तालमेल से इस ऑपरेशन को सफल बनाया गया. यह कदम क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की दिशा में अहम माना जा रहा है.
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एसएचके/केआर