जम्मू, 13 नवंबर . जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली की सत्ताधारी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस की मांग को भारतीय जनता पार्टी नेता सुनील शर्मा ने निराधार बाताया.
उन्होंने से बात करते हुए कहा, “धारा 370 भारतीय संविधान का एक अस्थायी प्रावधान था, जिसे हम स्थायी नहीं कह सकते. यह प्रावधान किसी राज्य में तब तक लागू किया जाता है जब तक वहां संविधान पूरी तरह से लागू न हो जाए. जब संविधान पूरी तरह से लागू हो जाए, तो उस प्रावधान का कोई मतलब नहीं रहता. भारतीय संसद का अधिकार है कि वह किसी राज्य को अलग करना, किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाना या किसी राज्य को पुनर्गठित करना, जैसा कि हाल ही में लद्दाख का गठन हुआ है. यह संसद का अधिकार है और यह अधिकार 5 अगस्त 2019 को पारित कानून के तहत है. इस पर किसी भी प्रकार की बहस करना या टिप्पणी करना बेमानी है. यह न केवल असंवैधानिक है, बल्कि अव्यावहारिक भी है.”
उन्होंने आगे कहा, “जो बिल 5 अगस्त 2019 को पारित हुआ, वह अब वापस नहीं हो सकता. यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. ऐसे मुद्दों पर बात करना अब उचित नहीं है. धारा 370 अब इतिहास बन चुकी है, और यह वापस नहीं आ सकता.”
बता दें कि हाल ही में नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पास करके राज्य में अनुच्छेद 370 फिर से लागू करने का आग्रह किया था. इससे पहले भी राज्य विधानसभा चुनावों में एनसी इस अनुच्छेद को बहाल करने की मांग करती रही है. हालांकि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने हर मौके पर इस अनुच्छेद का डटकर विरोध किया है. पार्टी के नेताओं ने हर जगह इस अनुच्छेद को देश के लिए हानिकारक बताया है. भारतीय जनता पार्टी हमेशा इस अनुच्छेद का बचाव करने वाले नेताओं पर हमलावर रही है.
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पीएसएम/जीकेटी