नोएडा, 21 जुलाई . सावन के दूसरे Monday को पूरे उत्तर प्रदेश में शिव भक्तों के बीच में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के प्रमुख शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में सुबह 4 बजे से ही भक्त लंबी लाइन में लगकर भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक कर रहे थे.
मंदिरों में भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. मंदिर और आसपास के इलाकों में पुलिस तैनात है और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है. प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गाजियाबाद के प्रमुख स्थानों पर कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों पर फूल बरसाए जा रहे हैं.
डीएम दीपक मीणा और एडिशनल कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने गाजियाबाद दूधेश्वरनाथ महादेव मठ मंदिर और छोटा हरिद्वार मुरादनगर पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की.
यह पुष्प वर्षा दूधेश्वर नाथ मंदिर, मेरठ तिराहा, राजनगर एक्सटेंशन चौराहा, मनन धाम मंदिर, दुहाई कट, मुरादनगर गंग नहर घाट और गंगनहर पटरी मार्ग पर की जा रही है. इसके लिए नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने विशेष तैयारियां कर रखी है. इसके लिए बाकायदा जिला प्रशासन और पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारी हर प्रमुख स्थल पर मौजूद हैं.
ग्रेटर नोएडा के मुबारकपुर गांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. यहां सुबह 5 बजे से ही भक्त पूजा-पाठ और जलाभिषेक के लिए मंदिर पहुंचने लगे. लोगों का मानना है कि सावन का दूसरा Monday विशेष फलदायी होता है और इससे जीवन की विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं.
श्रद्धालु मोहन लाल शर्मा ने कहा कि हम हर साल सावन में यहां आकर भोलेनाथ को जल चढ़ाते हैं. हमारी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. दूसरा Monday विशेष माना जाता है. उमा देवी शुक्ला ने कहा कि हर साल मैं पूरे परिवार के साथ यहां पूजा करने आती हूं. यहां की भक्ति और ऊर्जा अद्भुत है.
वहीं, मंदिर के पुजारी श्रेष्ठ प्रसाद शुक्ला ने बताया कि यह मंदिर काफी प्राचीन है और सावन के हर Monday को हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन करने आते हैं.
गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में भी भक्तों की भीड़ बड़ी संख्या में उमड़ी हुई है, जिसको देखकर पुलिस प्रशासन पूरी तरीके से चाक चौबंद है और उन्होंने बैरिकेड कर वाहनों की आवाजाही रोक दी है. साथ ही साथ लोगों को आने-जाने के लिए बैरिकेड से ही रास्ते बनाए गए हैं.
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पीकेटी/पीएसके