रांची, 22 अक्टूबर . झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस द्वारा 70 सीटों पर लड़ने के ऐलान के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इस ऐलान के साथ ही राजद (राष्ट्रीय जनता दल) नाराज हो गई है और उसने गठबंधन से अलग होने की धमकी दी है. वहीं, वाम दल ने सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात की और अपनी बातें रखी.
मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) के पूर्व विधायक अनूप चटर्जी ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नॉमिनेशन में जाना था, इसलिए वह बैठक से बाहर चले गए, हालांकि उनसे एक दौर की वार्ता हुई थी. तेजस्वी यादव भी बैठक में शामिल हुए थे. कांग्रेस प्रभारी गुलाम मोहम्मद मीर भी यहां आने वाले हैं. उनके आने के बाद हम सभी मिलकर इस मामले को सुलझा लेंगे.
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह गठबंधन में रहेंगे, तो उन्होंने कहा कि बातचीत सकारात्मक है और उन्हें उम्मीद है कि सभी चीजें ठीक हो जाएंगी. चटर्जी ने कहा कि झामुमो और कांग्रेस बड़ी पार्टियां हैं और हमें लगता है कि इन्हें अन्य लेफ्ट पार्टियों से भी बात करनी चाहिए.
तेजस्वी यादव को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के साथ अलग से बैठे थे और हम लोग अलग से बैठे थे. इन दोनों के बीच में क्या बातें हुई, इसकी हमें जानकारी नहीं है. राजद के साथ अपने रिश्ते को लेकर चटर्जी ने कहा कि राजद की जो भी बातें हैं, वह सीट शेयरिंग को लेकर हैं. वह कुछ सीटें मांग रहे हैं और हम देने को तैयार हैं. इसलिए हमें लगता है कि स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.
उन्होंने बताया कि उन्होंने 6 सीटों की मांग रखी है, जिनमें निरसा, सिंदरी, बगोदर, राजधनवार, पांकी और जमुआ विधानसभा सीट शामिल हैं. इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है और अब देखना यह है कि क्या कुछ फाइनल होता है.
दरअसल, 81 विधानसभा सीटों वाले झारखंड में जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ती जा रही है. इंडिया घटक दल की तीन प्रमुख पार्टियां जेएमएम, कांग्रेस और राजद अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती हैं. प्रदेश में दो चरणों में विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं. पहले चरण में 13 नवंबर, जबकि दूसरे चरण में 20 नवंबर को वोटिंग होनी है, इसके नतीजे 23 नवंबर को सामने आएंगे.
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पीएसके/एबीएम