तियानजिन, 31 अगस्त . Prime Minister Narendra Modi Sunday को दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में चीनी President शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. यह दस महीनों में उनकी पहली मुलाकात होगी.
इस बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और भारत-चीन संबंधों में हालिया प्रगति को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है.
दोनों नेताओं के बीच पिछली मुलाकात 2024 में रूस के कजान में ‘ब्रिक्स शिखर सम्मेलन’ के दौरान हुई थी.
बातचीत में यह सफलता तब संभव हुई जब दोनों पक्षों ने 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त प्रोटोकॉल पर एक समझौता किया, जिससे चार साल से चल रहे सीमा विवाद में कमी आई और बातचीत का रास्ता खुला.
इस महीने की शुरुआत में, चीन के विदेश मंत्री वांग यी India आए थे. उन्होंने सीमा विवाद पर बातचीत के लिए विशेष प्रतिनिधि (एसआर) की बैठक में हिस्सा लिया. अपनी India यात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि बीजिंग Prime Minister मोदी की यात्रा को “बहुत महत्व” देता है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अपनी बैठक के दौरान, वांग यी ने कहा, “चीनी पक्ष हमारे निमंत्रण पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए Prime Minister की चीन यात्रा को बहुत महत्व देता है. हमारा मानना है कि तियानजिन में सफल शिखर सम्मेलन में भारतीय पक्ष भी योगदान देगा. इतिहास और वास्तविकता एक बार फिर साबित करते हैं कि एक स्वस्थ और स्थिर चीन-India संबंध दोनों देशों के मूलभूत और दीर्घकालिक हितों की पूर्ति करते हैं. दुनिया के बाकी विकासशील देश भी यही चाहते हैं.”
इस सप्ताह की शुरुआत में, Prime Minister मोदी ने जापान के दैनिक समाचार पत्र योमिउरी शिंबुन को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि India चीन के साथ अपने संबंधों को “आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता” के आधार पर आगे बढ़ाने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि पिछले साल कजान में शी जिनपिंग के साथ उनकी मुलाकात के बाद से, द्विपक्षीय संबंधों में ‘स्थिर और सकारात्मक प्रगति’ देखी गई है.
बीजिंग के साथ संबंधों में सुधार के महत्व के बारे में पूछे जाने पर, Prime Minister मोदी ने कहा, “President शी जिनपिंग के निमंत्रण पर, मैं शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां से तियानजिन जाऊंगा. पिछले साल कजान में President शी जिनपिंग से मेरी मुलाकात के बाद से, हमारे द्विपक्षीय संबंधों में लगातार और सकारात्मक प्रगति हुई है.”
उन्होंने आगे कहा, “दो पड़ोसी और दुनिया के दो सबसे बड़े राष्ट्रों के रूप में, India और चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. यह बहुध्रुवीय एशिया और बहुध्रुवीय विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण है.”
विश्व की आर्थिक स्थिति पर ज़ोर देते हुए Prime Minister ने कहा, “दुनिया की अर्थव्यवस्था में मौजूदा उतार-चढ़ाव को देखते हुए, India और चीन जैसी दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे दुनिया की आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए मिलकर काम करें.”
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एससीएच/एएस