इस्लामाबाद, 16 अक्टूबर . पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) की बैठक का समापन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इजरायल-गाजा संघर्ष पर तत्काल ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया.
दिलचस्प बात यह है कि जिन्ना कन्वेंशन सेंटर में रूस को अध्यक्षता सौंपते समय शरीफ ने कश्मीर मुद्दे का जिक्र करने से परहेज किया, जो कि भारत-पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनाव की वजह रहा है. कश्मीर मुद्दा कई बार इस्लामाबाद के आधिकारिक बयानों का हिस्सा रहा है.
अपने समापन भाषण में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने राजनीतिक मतभेदों और विभाजनों पर सहयोग को प्राथमिकता देने की अपील की. उन्होंने कहा, “आइए हम राजनीतिक मतभेदों और विभाजनों पर सहयोग को प्राथमिकता दें. अपनी उपलब्धियों पर निर्माण करें, साझा चुनौतियों का समाधान करें, और यह सुनिश्चित करने के लिए हाथ से हाथ मिलाकर काम करें कि एससीओ हमारे लोगों के लिए स्थिरता, विकास और पारस्परिक लाभ का प्रतीक बना रहे.”
इसके बाद उन्होंने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “हम गाजा में चल रहे नरसंहार को नजरअंदाज नहीं कर सकते. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह तत्काल और बिना शर्त युद्ध विराम सुनिश्चित करे, जिससे 1967 से पहले की सीमाओं के आधार पर फिलिस्तीन राज्य की स्थापना हो सके, जिसकी राजधानी अल-कुद्स हो.”
वह भारत पर कोई भी बयान देने को लेकर काफी सतर्क दिखे. इससे पहले दिन में, उन्होंने आपसी लाभ के लिए सहयोग का आह्वान किया था, साथ ही आग्रह किया था कि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए.
हालांकि, ऐसी संभावना जताई जा रही है कि एससीओ बैठक में कश्मीर का उल्लेख न करने के शरीफ के फैसले की पाकिस्तान के भीतर उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा आलोचना की जा सकती है.
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