बीजिंग, 24 अप्रैल . हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसकी स्थापना मई, 2007 में विश्व स्वास्थ्य महासभा की 60वीं बैठक में की गई. इस दिवस की स्थापना का लक्ष्य विश्व के दायरे में मलेरिया नियंत्रण को आगे बढ़ाना है.
जब हम मलेरिया की रोकथाम और उपचार के बारे में बातें करते हैं, तो हमें चीनी महिला वैज्ञानिक थू योयो का उल्लेख करना होगा. क्योंकि उन्होंने मलेरिया के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा आर्टीमिसिनिन की खोज की, और दुनिया भर में खास तौर पर विकासशील देशों में मलेरिया से पीड़ित लाखों-करोड़ों लोगों की जान बचाई है.
गौरतलब है कि अक्टूबर, 2015 में थू योयो को चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार मिला. पुरस्कार पाने का कारण यह है कि उन्होंने आर्टीमिसिनिन की खोज की, क्योंकि यह दवा मलेरिया रोगियों की मृत्यु दर को प्रभावी ढंग से कम कर सकती है, जिससे वे विज्ञान में नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पहली चीनी बन गईं.
उनके अलावा थू योयो को गणतंत्र का पदक भी मिला, जो चीन लोक गणराज्य में सम्मान का सर्वोच्च पदक है. केवल उन लोगों को इसे प्राप्त करने के योग्य हैं, जिन्होंने चीन के निर्माण और देश की रक्षा करने में बड़ा योगदान दिया या अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की. मार्च 2020 में, उन्हें टाइम मैगज़ीन की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक के रूप में चुना गया था.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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