मुंबई, 27 अगस्त . भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून की अवधि में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसकी वजह कृषि क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन है. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
यह अनुमान आरबीआई की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जारी किए गए अनुमानों के बराबर है.
केंद्रीय बैंक के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 7.1 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.2 प्रतिशत है.
एसबीआई रिसर्च की ताजा इकोरैप रिपोर्ट में बताया गया है कि आपूर्ति श्रृंखलाओं में आ रही बाधा के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है.
रिपोर्ट में बताया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर मानसून सामान्य से अच्छा होने के कारण वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि क्षेत्र की विकास दर 4.5 से 5 प्रतिशत रह सकती है, जो कि आरबीआई के अनुमान से 0.3 प्रतिशत ज्यादा है. जून में कमजोर शुरुआत के बाद दक्षिण पश्चिम मानसून में जुलाई की शुरुआत से तेजी देखने को मिली और यह सामान्य से अच्छा बना हुआ है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक आर्थिक आउटलुक अभी भी अनिश्चित बना हुआ है और हालांकि महंगाई के कम होने के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौद्रिक नीतियों में सख्ती कम होगी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जुलाई में भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में अनुमान जारी किया था. इसमें 2024 के लिए विकास दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया था. मौजूदा समय में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.2 प्रतिशत थी. चालू वित्त वर्ष में यह 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
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एबीएस/