पीएम मत्स्य संपदा योजना से हजारीबाग की सावित्री देवी को मिली संजीवनी, अब लोगों को दे रहीं रोजगार

हजारीबाग, 29 जून . Prime Minister मत्स्य संपदा योजना से Jharkhand के हजारीबाग में लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं. यह योजना सावित्री देवी के लिए किसी संजीवनी से कम साबित नहीं हुई है. योजना का लाभ लेकर उन्होंने बर्फ का प्लांट लगाया है और आत्मनिर्भर बनने के साथ क्षेत्र में दूसरे लोगों को भी रोजगार दे रही हैं.

हजारीबाग के चेतारा गांव की रहने वाली सावित्री देवी के पति जोधन प्रसाद ने बताया कि बर्फ का प्लांट उनकी पत्नी के नाम है. इसे लगाने के बाद से जीवन में खुशहाली आ गई है. बर्फ का प्लांट लगाने में 80 लाख रुपए की लागत आई थी, इसमें Government की तरफ से 48 लाख रुपए की सब्सिडी मिली है. इस प्लांट से वह महीने में एक लाख रुपए की बचत करते हैं. उन्होंने बताया कि योजना के तहत अगर छूट नहीं मिलती तो वह प्‍लांट लगाने में सफल नहीं हो पाते.

जोधन प्रसाद ने बताया, “पहले मुझे रोजगार के लिए भटकना पड़ता था, लेकिन बर्फ का प्लांट लगाने के बाद से स्थाई कारोबारी हो गया हूं.” उन्होंने बताया कि आइस प्लांट लगाने के बाद 32-35 लोगों को रोजगार मिल रहा है.

उन्होंने बताया कि इस प्लांट को लगाने के बाद से जीवन में बहुत बदलाव आया है. अब उन्हें बाहर जाकर काम नहीं करना पड़ता है. परिवार आत्मनिर्भर हो गया है. इस काम से उनके परिवार और आने वाली पीढ़ी की किस्मत बदल गई है. उनके बाद उनका बेटा भी इसी काम में लग जाएगा.

उन्होंने कहा कि आइस प्लांट से 60 प्रतिशत बर्फ मछली पालन करने वाले लेकर जाते हैं और 40 प्रतिशत बर्फ अन्‍य कारोबारी लेकर जाते हैं. लागत और बचत की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बर्फ की एक सिल्ली बनाने में 30 रुपए की लागत आती है और 70 रुपये का मुनाफा होता है. हर महीने करीब एक लाख रुपए की बचत कर होती है. Prime Minister मत्स्य संपदा योजना से अगर लाभ न मिलता तो इतना बड़ा प्लांट नहीं लगा पाते. Government के अनुदान के कारण ही प्लांट लगाने में वह सफल रहे.

उल्लेखनीय है कि Prime Minister मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) केंद्र Government की ओर से मछली पालन क्षेत्र के विकास के लिए शुरू की गई एक योजना है. इसका उद्देश्य मछली उत्पादन और उत्पादकता, गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी, और मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने के साथ ही मछुआरों का कल्याण भी सुनिश्चित करना है.

एएसएच/एकेजे