सौरभ भारद्वाज ने चुनाव आयोग से एफआईआर की कॉपी मांगी

New Delhi, 19 सितंबर . आम आदमी पार्टी ने India निर्वाचन आयोग के जवाब पर प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने चुनाव आयोग से चुनावी प्रक्रिया में हेराफेरी के लिए दर्ज की गई First Information Report की कॉपी मांगी है.

सौरभ भारद्वाज ने चुनाव आयोग के ‘एक्स’ पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए कहा कि कृपया वैध मतदाताओं के नाम अवैध रूप से हटाने की कोशिश, धोखाधड़ी और चुनावी प्रक्रिया में हेराफेरी के लिए दर्ज की गई First Information Report की प्रति उपलब्ध कराएं. यह स्पष्ट रूप से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को हाईजैक करने के लिए एक संगठित सिंडिकेट था. लोग जानना चाहते हैं कि क्या कोई गिरफ्तारी हुई है?

उन्होंने कहा कि 8 महीने हो गए हैं, इसलिए अब तक चार्जशीट दाखिल हो जानी चाहिए थी. अगर आप हलफनामे का इंतजार कर रहे हैं तो मैं हलफनामे पर हस्ताक्षर करके उसे जमा करने के लिए तैयार हूं. हम Government द्वारा लगाए गए बेतुके मुकदमे से नहीं डरते हैं.

सौरभ भारद्वाज ने दूसरे एक्स पोस्ट में लिखा, “जो वकील भाई प्रसिद्ध होना चाहता है, मेरे लिए एफिडेविट टाइप करवाओ. चुनाव आयोग को एफिडेविट दे ही दिया जाए.

सौरभ भारद्वाज ने खुलासा किया कि फरवरी 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान New Delhi और शाहदरा विधानसभाओं में बड़ी संख्या में वोट कटवाने की शिकायतें आई थीं. उन्होंने बताया कि 29 अक्टूबर 2024 से 15 दिसंबर 2024 तक सिर्फ New Delhi विधानसभा में ही 6166 वोट काटने की अर्जियां दी गईं. वहीं, 2020 में जहां विधानसभा क्षेत्र में 1,46,000 वोट थे, वहीं अक्टूबर 2024 की समरी लिस्ट में यह संख्या घटकर 1,04,000 रह गई. यानी 42,000 वोट पहले ही लिस्ट से हटाए जा चुके थे.

उन्होंने कई उदाहरण देते हुए बताया कि तरुण कुमार चौटाला, उषा देवी, सुनीता देवी और अन्य लोगों के नाम पर वोट कटवाने की दर्जनों अर्जियां दाखिल की गईं, जबकि संबंधित लोगों ने ऐसी किसी भी अर्जी से साफ इनकार किया. भारद्वाज ने कहा कि यह फर्जीवाड़ा सीधे तौर पर लोगों के मतदान के अधिकार का हनन है और कानूनन अपराध है. उन्होंने बताया कि तत्कालीन Chief Minister आतिशी ने 5 जनवरी 2025 को मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी. इसके बाद 8 और 9 जनवरी को भी उन्होंने पत्र भेजे, वहीं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी चुनाव आयोग को शिकायत दी थी. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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