इस्लामाबाद, 7 मई . सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) के अगले सप्ताह पाकिस्तान की यात्रा पर आने की संभावना है. उनकी यह यात्रा लंबे समय से अपेक्षित है. एक बार अंतिम समय में कार्यक्रम रद्द किया जा चुका है.
सऊदी अरब के युवराज आखिरी बार फरवरी 2019 में पाकिस्तान आये थे तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें खुद अपनी कार में बिठाकर प्रधानमंत्री आवास तक ले गये थे.
उसके बाद पाकिस्तान ने कई बार युवराज मोहम्मद बिन सलमान को न्योता भेजा, लेकिन विभिन्न कारणों से हर बार उनका दौरा टलता रहा.
पिछले साल जब वह नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत गये तो यह पाकिस्तान के लिए कूटनीतिक हार जैसा था.
पाकिस्तान ने काफी कोशिश की कि एमबीएस कुछ देर के लिए ही सही, पाकिस्तान होकर जायें, लेकिन बात नहीं बनी.
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक अदनान शौकत ने कहा, “पाकिस्तान खाड़ी के बड़े देशों के साथ संबंधों को लेकर अपने चिरप्रतिद्वंद्वी भारत को कड़ा संदेश देना चाहता है. लेकिन उसकी चाहतों के विपरीत, अरब देशों ने भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ अपने संबंधों में संतुलन बनाये रखा है.”
एमबीएस की पाकिस्तान की प्रस्तावित यात्राओं के हकीकत में बदलने में आ रही बाधाओं का एक प्रमुख कारण सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं और राजनीतिक अस्थिरता है.
शौकत ने कहा, “वर्ष 2022 के उत्तरार्द्ध में सऊदी युवराज के इस्लामाबाद आने का कार्यक्रम था. लेकिन इसकी तारीखें सेना प्रमुख के बदलने की तारीखों के आसपास होने और इमरान खान की पार्टी द्वारा जारी विरोध-प्रदर्शनों के कारण उसे रद्द कर दिया गया.”
उन्होंने कहा, “इसके बाद देश में राजनीतिक अस्थिरता और आम चुनावों के कारण दौरे का नया समय तय नहीं किया जा सका.”
शौकत ने कहा कि हालांकि इस बार ऐसा लगता है कि शहबाज शरीफ की सरकार ने अपनी तैयारी अच्छे से की है. उन्होंने कहा, “शहबाज शरीफ ने दो बार रियाद की यात्रा की और एमबीएस को न्योता तथा आश्वासन दिया. एमबीएस भी इस्लामाबाद की यात्रा पर आने के लिए राजी हो गये हैं. यह पांच सप्ताह में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और एमबीएस के बीच तीसरी मुलाकात होगी.
शहबाज शरीफ ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक में जाना रद्द कर दिया है और सऊदी कारोबारियों के प्रतिनिधिमंडल का आतिथ्य कर रहे हैं, जो निवेश अवसरों की तलाश में इस्लामाबाद आये हुये हैं.
दक्षिण एशिया में जारी तनाव के बीच पिछले दिनों ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के पाकिस्तान दौरे के मद्देनजर एमबीएस का दौरा महत्वपूर्ण है.
पाकिस्तान ने सऊदी कारोबारियों और निवेशकों के लिए अपने दरवाजे खोल दिये हैं. उसे उम्मीद है कि इससे निवेश बढ़ेगा.
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहा, “सऊदी से बड़ा निवेश आकर्षित करने की रणनीति देश को मौजूदा आर्थिक संकट से उबारने की पहल का हिस्सा है. पाकिस्तान सऊदी अरब से पांच अरब डॉलर के निवेश प्रस्ताव के पहले चरण को धरातल पर उतारने की उम्मीद कर रहा है.”
पाकिस्तान ने सऊदी अरब के निवेशकों को खनन, कृषि, खनिज और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण सेक्टरों में हिस्सेदारी की पेशकश की है.
पाकिस्तान को उम्मीद है कि उच्च स्तरीय सऊदी प्रतिनिधिमंडल के दौरे से एमबीएस की यात्रा के दौरान बड़ी घोषणाओं का मार्ग प्रशस्त होगा.
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एकेजे/