सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी : पिता के नक्शेकदम पर चलने वाला बेटा, जिसने भारत को बुलंदियों तक पहुंचाया

New Delhi, 12 अगस्त . टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी ने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए बैडमिंटन को चुना था. सात्विक के पिता काशी विश्वनाथ राज्य स्तरीय बैडमिंटन खिलाड़ी रहे, मगर देश के लिए किसी बड़े टूर्नामेंट में पदक नहीं जीत सके. पिता को भरोसा था कि जो वह खुद नहीं कर सके, उस सपने को उनका बेटा पूरा करेगा और सात्विक ने यही कर दिखाया.

13 अगस्त 2000 को आंध्र प्रदेश के अमलापुरम में जन्मे सात्विक जब महज छह साल के थे, तो उन्होंने बैडमिंटन का रैकेट थामा. उनके पहले कोच पिता ही थे, जिन्होंने बेटे को इस खेल की तकनीक समझाई.

सात्विक का खेल जबरदस्त था. पिता अपने बेटे के टैलेंट को समझ चुके थे. साल 2014 में उन्हें गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी भेजा गया, जहां दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी और नेशनल कोच पुलेला गोपीचंद का मार्गदर्शन मिला.

सात्विक ने अंडर-13 लेवल पर सब-जूनियर स्टेट बैडमिंटन चैंपियनशिप में पहला खिताब जीता. इसके बाद साल 2014 में अंडर-17 वर्ग में सब-जूनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में कृष्णा प्रसाद गारगा के साथ पहला राष्ट्रीय युगल खिताब अपने नाम किया.

साल 2015 में इस जोड़ी ने अंडर-17 एशियन जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में पहला इंटरनेशनल गोल्ड मेडल जीता. इसी साल टाटा ओपन इंडिया इंटरनेशनल में मिक्स्ड डबल्स में साथी कुल्लपल्ली मनीषा के साथ सीनियर लेवल का अपना पहला इंटरनेशनल खिताब जीता. इसके बाद सात्विक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

साल 2016 में सात्विक के डबल्स बैडमिंटन कोच, किम तान हेर ने उनकी जोड़ी चिराग शेट्टी के साथ बनाई. सात्विक आंध्र प्रदेश के थे, जबकि चिराग Mumbai से. दोनों एक-दूसरे की भाषा तक नहीं समझ पाते थे, मगर आक्रामक खेल के दम पर दोनों कोर्ट पर अपने शानदार प्रदर्शन के साथ विपक्षियों को चौंका देते.

इस जोड़ी ने कॉमनवेल्थ गेम्स-2018 के मिक्स्ड डबल्स इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया, जबकि मेंस डबल्स में सिल्वर जीता. इसी के साथ उन्होंने हैदराबाद ओपन सुपर 100 में अपना पहला बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर खिताब जीत लिया.

कुछ सालों में ही सात्विक-चिराग की जोड़ी सुपर 100 से लेकर सुपर 1000 तक हर कैटेगरी में खिताब जीतने वाली दुनिया की पहली मेंस डबल्स जोड़ी बनी.

साल 2023 में सात्विक-चिराग ने एशियन गेम्स-2023 में गोल्ड जीता. इन्होंने बैडमिंटन रैंकिंग में वर्ल्ड नंबर-1 बनने वाली पहली भारतीय डबल्स जोड़ी का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया.

इस जोड़ी ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीता, जबकि साल 2022 में थॉमस कप अपने नाम करते हुए इतिहास रच दिया.

साल 2023 में सात्विक-चिराग ने दुबई में एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में मेंस डबल्स का खिताब जीतकर भारत के 58 साल के इंतजार को खत्म किया.

सात्विक-चिराग ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में चीनी ताइपे की जोड़ी को हराया, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ग्रुप स्टेज से बाहर हो गए.

वहीं, पेरिस ओलंपिक 2024 में इस जोड़ी ने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया, लेकिन पदक जीतने में सफल नहीं हो सकी.

सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी को साल 2020 में ‘अर्जुन अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया, जबकि साल 2024 में उन्हें ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ से नवाजा गया.

आरएसजी