आईएएस अधिकारी मार्टिन के बयान पर भड़का संस्कृति बचाओ मंच, कांग्रेस ने एमपी सरकार से पूछा सवाल

भोपाल, 22 अक्टूबर . मध्य प्रदेश की एक आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन के लाउडस्पीकर को लेकर किए गए एक्स पोस्ट पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. उनके बयान को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने नाराजगी जताई है.

संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष पंडित चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि शैलबाला मार्टिन को इस तरह से विवादों में नहीं पड़ना चाहिए, अगर कोई हिंदू धर्म की आस्था को ठेस पहुंचाता है तो संस्कृति बचाओ मंच इसका विरोध करता है. मंदिरों में आरती और मंत्रोच्चारण होते हैं. हम इस प्रकार से चिल्ला नहीं रहे हैं, पांच वक्त की नमाज होती है, उस पर विचार करना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा, “मेरा शैलबाला मार्टिन से सवाल है कि उन्होंने कब किसी मोहर्रम के जुलूस पर पथराव होते हुए देखा? जबकि हिंदुओं के जुलूस पर पथराव हो रहा है और इसलिए मैडम मार्टिन आपको कोई अधिकार नहीं है कि आप हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाएं.”

वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज ने शैलबाला मार्टिन का समर्थन करते हुए एमपी सरकार से सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यही है कि बीजेपी की सरकारों में लाउडस्पीकर पर कार्रवाई राजनीति से प्रेरित होती है. अगर धर्म देखकर लाउडस्पीकर पर कार्रवाई होगी तो एमपी के प्रशासनिक अफसर इस पर बोलने के लिए मजबूर हैं. आईएएस अफसर अगर ऐसा पोस्ट करती हैं तो समझना होगा कि एमपी सरकार ध्वनि और लाउडस्पीकर के नाम पर राजनीति कर रही है. भेदभाव नहीं होना चाहिए और शायद यही उनकी मांग है.

उन्होंने आगे कहा, “सरकार को अपना राजधर्म निभाना चाहिए. अगर वह लाउडस्पीकर के खिलाफ कार्रवाई करती है तो धर्म देखकर न करें. आज अगर एमपी के अधिकारी ऐसी बात बोलते हैं तो उन्हें चिंतन करना चाहिए.”

मध्य प्रदेश की आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने एक्स यूजर ने लाउड स्पीकर को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. जिसके जवाब में मार्टिन ने लिखा था, “और मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर, जो कई कई गलियों में दूर तक स्पीकर्स के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जो आधी-आधी रात तक बजते हैं उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होती.”

एफएम/केआर