‘सखी निवास’ बना कामकाजी महिलाओं के लिए संजीवनी

इंदौर, 17 जून . इंदौर शहर में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित सखी निवास वर्किंग वूमेन हॉस्टल कामकाजी महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सुविधा संपन्न आश्रय स्थल बनकर उभरा है. मिशन शक्ति के तहत शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट ने कई युवतियों की जिंदगी में एक नया मोड़ लाया है.

इंदौर के गोपचर पाड़ा क्षेत्र में स्थित यह वर्किंग वूमेन हॉस्टल ‘सखी निवास’ अप्रैल 2024 में बनकर तैयार हुआ. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की यह परियोजना कामकाजी महिलाओं को एक सुरक्षित और सस्ती छत मुहैया कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है. यह हॉस्टल पूरी तरह से मिशन शक्ति के सेक्टर ‘समर्थ’ के तहत संचालित हो रहा है. यहां सुरक्षा सर्वोपरि है. पुरुषों की एंट्री प्रतिबंधित है और हर गतिविधि की निगरानी होती है.

वर्किंग वुमेन हॉस्टल इंदौर की सुपरिटेंडेंट शुभांगी मजूमदार ने समाचार एजेंसी को बताया कि 100 सीटों की क्षमता वाले इस हॉस्टल में 26 सिंगल और 26 डबल सीट्स हैं. किराया बेहद कम है, सिंगल रूम ₹5000, डबल ₹2500, डबल मैट्रेस ₹1500 प्रति माह है. यहां चूल्हा-घर, जिम, बच्चों के लिए सुविधा तक उपलब्ध कराई गई है. यह नई सोच और नई संरचना का उदाहरण है.

फिलहाल यहां 40 महिलाएं रह रही हैं और अगले दो महीनों में यह पूरी तरह भर जाएगा. इस तरह सखी निवास कामकाजी महिलाओं को न केवल रहने की जगह दे रहा है, बल्कि उन्हें एक आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा भी देगा. यह वाकई में ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र की महिलाओं के लिए यह एक टर्निंग पॉइंट है.

विदिशा से आई खुशबू रघुवंशी कहती हैं कि उनके लिए सखी निवास ने एक सुरक्षित और स्वावलंबी जीवन की नींव रखी है. “जब मैं इंदौर आई तो सबसे पहले चिंता थी कि कहां रहूं. लेकिन, सखी निवास एक प्राइम लोकेशन पर है, यहां व्यवस्था भी अच्छी है, और सरकार ने हमें जो सुविधा दी है उससे मैं बहुत खुश हूं. इसके लिए मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देती हूं.

वंशिका ने कहा कि सस्ती दरों पर मिल रही यह सुरक्षित सुविधा महिलाओं के लिए वरदान है. सखी निवास की सबसे खास बात है, यहां की सुरक्षा. खाने-पीने की भी अच्छी व्यवस्था है और सरकार की ये सुविधा महिलाओं के लिए काफी सहायक है.

पीएके/जीकेटी