मुंबई, 5 नवंबर . आईपीएस संजय वर्मा को महाराष्ट्र का नया डीजीपी बनाया गया है. इससे पहले इस पद की जिम्मेदारी रश्मि शुक्ला के पास थी. लेकिन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले की शिकायत पर उन्हें पद से हटा दिया गया.
दरअसल, कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला के खिलाफ भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाकर उनके तबादले की मांग की. कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने यह आशंका जाहिर की कि रश्मि शुक्ला के इस पद पर रहते प्रदेश में निष्पक्ष विधानसभा चुनाव संपन्न नहीं हो सकता है.
रश्मि शुक्ला को पद से हटाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से तीन आईपीएस अधिकारी के नाम मांगे थे, जिन्हें डीजीपी पद की कमान सौंपी जा सकती है.
इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा सौंपे गए नामों में संजय वर्मा सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों में से एक थे. उनके अलावा, वरिष्ठ अधिकारी संजीव कुमार सिंघल और उनके बैचमेट रितेश कुमार का भी नाम इस सूची में शामिल था.
आईपीएस संजय वर्मा 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वह वर्तमान में कानून और तकनीक के डीजीपी के पद पर कार्यरत हैं. वह अप्रैल 2028 में रिटायर होंगे.
पिछले कुछ दिनों से रश्मि शुक्ला को लेकर महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में चर्चांओं का बाजार गरम था. उन पर विपक्षी दलों ने भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था.
इसके अलावा, रश्मि शुक्ला को देवेंद्र फडणवीस का करीबी माना जाता है. रश्मि शुक्ला के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने अपने जीवन में जितने उतार चढ़ाव देखे हैं, शायद ही किसी अधिकारी ने उतने उतार-चढ़ाव देखे हों. रश्मि शुक्ला को इसी साल जनवरी में महाराष्ट्र का डीजीपी बनाया गया था. वो जून में रिटायर होने वाली थीं. लेकिन, उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था, जिसे लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने सवाल भी उठाए थे. कांग्रेस ने आशंका जाहिर की थी कि आगामी विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के मकसद से शुक्ला का कार्यकाल बढ़ाया गया था. इस संबंध में चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा गया था, जिसमें रश्मि शुक्ला को अपने पद से हटाए जाने की मांग की गई थी.
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एसएचके/जीकेटी