नासिक, 12 सितंबर . शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की ओर से Friday को नासिक में आयोजित जन आक्रोश मार्च में भारी भीड़ उमड़ी. इस मार्च में बड़ी संख्या में नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया.
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने मंच से State government पर भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी और किसानों की अनदेखी जैसे तमाम बड़े आरोप लगाए.
उन्होंने अपने संबोधन में छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का जिक्र करते हुए कहा, “शिवाजी महाराज की सिर्फ तस्वीरें लेना काफी नहीं, उनकी भावना हमारे खून में होनी चाहिए. नासिकवासियों का यह आक्रोश क्रांति का संदेश है.”
सांसद संजय राउत ने आगे कहा, “शिवसेना नासिक में सक्रिय है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना भी नासिक में लोगों के मुद्दों पर अपनी आवाज उठाती है. नासिक एक पवित्र धार्मिक स्थल है और वहां कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है. नासिक श्री राम और कुसुमाग्रज, स्वातंत्र्यवीर सावरकर के नाम से भी जाना जाने वाला शहर है. आज नासिक में जो स्थिति बनी है, उसके खिलाफ हम सड़क पर उतरे हैं.”
उन्होंने नासिक में बढ़ते अपराधों पर सरकार को घेरते हुए कहा, “खुलेआम नशीली दवाओं की बिक्री, महिलाओं पर अत्याचार और लूटपाट आम हो गई है. पिछले कुछ महीनों में 40 हत्याएं हुईं. अगर गृह मंत्री को यह नहीं पता, तो उन्हें शासन का कोई हक नहीं.”
संजय राउत ने भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी पर भी तीखा प्रहार किया. उन्होंने आरोप लगाया, “नगरसेवक, मंत्री और अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. विरोध करने वालों पर दबाव डाला जा रहा है. जनता समझती है कि अपराधियों को कौन बचा रहा है.”
किसानों के मुद्दों पर बोलते हुए संजय राउत ने कहा कि यह मार्च किसानों के लिए है. बिजली, पानी, कर्ज माफी और गारंटीशुदा ब्याज दर न मिलने से किसान आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार को हम चेतावनी दे रहे हैं.
उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के संयुक्त संघर्ष का ऐलान करते हुए कहा, “आज दो भाई, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की पार्टियां महायुति सरकार को चुनौती देने के लिए एकजुट हुई हैं. अब महाराष्ट्र में हर कार्यक्रम संयुक्त होगा. ठाकरे का नाम लेकर महाराष्ट्र आगे बढ़ेगा.”
राउत ने State government पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाते हुए कहा, “यह सरकार जिला परिषदों, नगर पालिकाओं और नगर निगमों में वोट चुराकर सत्ता में आई है. यह जन आक्रोश मार्च नासिक ही नहीं, पूरे महाराष्ट्र को जगा देगा.”
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “यह सरकार के लिए आखिरी चेतावनी है. अगर इन मुद्दों का समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन और तेज होगा.”
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एकेएस/जीकेटी