New Delhi, 21 जुलाई . शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मानसून सत्र को लेकर कहा है कि विपक्ष की यह जिम्मेदारी है कि वह सदन के अंदर सरकार से ‘ऑपरेशन सिंदूर’, भारत-पाक सीजफायर, पहलगाम आतंकी हमले सहित देश के अन्य ज्वलंत मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछे.
संजय राउत ने कहा कि देश जानना चाहता है कि आखिर किन परिस्थितियों में भारत को सीजफायर का फैसला लेना पड़ा? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मध्यस्थता की बात लगातार कर रहे हैं, इसमें कितनी सच्चाई है?
Monday को मीडिया से बातचीत के दौरान संजय राउत ने कहा कि मानसून सत्र में पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा होनी चाहिए. यह देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है. पहलगाम में हमारी माताओं-बहनों का सुहाग उजाड़ा गया. भारतीय सेना ने बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया.
राउत ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार में वोटर वेरिफिकेशन कर रोहिंग्या पकड़ लिए जाते हैं. इतना समय बीतने के बाद पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकी क्यों नहीं पकड़े गए? सरकार को इस मुद्दे पर जवाब देना होगा.
राउत ने कहा कि जब हमारी भारतीय सेना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह कर रही थी तो सीजफायर का फैसला क्यों लिया गया?
राउत ने तर्क दिया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप न जाने कितनी बार यह कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाक के बीच मध्यस्थता कराई. ट्रंप के मध्यस्थता वाले बयान पर सरकार से सवाल तो पूछा ही जाएगा. सदन के अंदर सरकार को बताना चाहिए कि ट्रंप सच बोल रहे हैं या फिर झूठ.
संजय राउत ने महाराष्ट्र के कृषि मंत्री को लेकर कहा कि जिस राज्य में 700 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की, उस राज्य के कृषि मंत्री मोबाइल में वीडियो गेम खेलते हैं और Chief Minister उस मंत्री का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि महाराष्ट्र में चार मंत्री हनीट्रैप स्कैंडल में फंस गए हैं. इनके विधायक और सांसद भी फंस गए हैं. विधानसभा में सीएम झूठ बोल रहे हैं.
उन्होंने फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा कि बड़ी कुर्सी पर आप बैठे हैं तो क्या आपको झूठ बोलने का लाइसेंस मिल गया है.
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डीकेएम/एबीएम