संजय राउत विश्वास न करने की बीमारी से ग्रस्त, जनता के पास इनका इलाज नहीं : मनजिंदर सिंह सिरसा

नई दिल्ली, 24 नवंबर . महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति सरकार को बड़ा जनादेश मिला है और प्रदेश में लगातार दूसरी बार महायुति की सरकार बनने जा रही है. इन चुनाव परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी बड़ी जीत दर्ज की है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने इन परिणामों को अस्वीकार कर इसे जनभावना के विपरीत बताया है. इस पर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया.

संजय राउत ने जनादेश को स्वीकार नहीं किया और कहा कि जनता की भावना इससे विपरीत है. इस पर मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “उनको जनादेश स्वीकार नहीं है. वह विश्वास न करने की बीमारी से ग्रस्त हैं. इसका कोई इलाज जनता के पास भी नहीं है. संजय राउत को लगता है कि जनता को उनके मुताबिक वोट डालना चाहिए. जब जनता उनके अनुसार वोट करेगी तभी वह भरोसा करेंगे. इस चीज का कोई इलाज नहीं है.”

उन्होंने कहा कि इसके बाद यह लोग ईवीएम को भी कोसते हैं. प्रियंका की जीत पर, झारखंड की जीत के वक्त ईवीएम ठीक हो जाती है. लेकिन जब वह ईवीएम महाराष्ट्र पहुंच जाती है तो खराब हो जाती है.

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में ईवीएम भी क्या करे, एक मशीन को इतनी गालिया पड़ चुकी हैं कि वह भी एक बार मन में यह सोच रही होगी कि चाहे जीत हो या हार, आप लोगों को गालियां ही देनी है.

उन्होंने कहा कि जब लोकसभा चुनाव में 99 सीटें आई तो राहुल गांधी अपनी पीठ थपथपाते हुए कह रहे थे कि हमने पीएम नरेंद्र मोदी को हरा दिया है. जबकि पीएम मोदी के नाम पर 240 सीट मिली थी. यह बेइमान लोग हैं, जिनको ईवीएम झारखंड में ठीक लगती है, महाराष्ट्र में खराब लगती है और लोकसभा में फिर ठीक लगने लगती है.

पीएम मोदी कहते हैं कि कांग्रेस दक्षिण में जाकर उत्तर को, उत्तर में जाकर दक्षिण को और विदेश में जाकर देश को गाली देने लगती है. इस पर सिरसा ने कहा, “यह बिल्कुल सही बात है. यह लोग देश को तोड़ने का काम करते हैं. इसलिए पीएम मोदी ने कहा कि एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे. लेकिन इन लोगों को इस बात से भी तकलीफ है. यह लोग बंटेंगे तो कटेंगे पर भी बिफरे हुए हैं. क्योंकि इनका कहना है कि हमें तो लोगों का धर्म और जाति के नाम पर बांटना था.”

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