संजय निषाद का अखिलेश यादव पर निशाना, बोले- देश बयान से नहीं, वोट से चलता है

उत्तर प्रदेश, 17 नवंबर . उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद ने Samajwadi Party के अध्यक्ष अखिलेश यादव के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत को ‘वोट चोरी नहीं, वोटों की डकैती’ करार दिया था. निषाद ने कहा कि सिर्फ कुछ भी बोल देने से देश नहीं चलता, बल्कि लोकतंत्र में फैसले वोट से होते हैं और फैसला जनता ही करती है.

उन्होंने से बातचीत में कहा कि जनता सूचना, संभावना और विश्वास के आधार पर वोट देती है. आज Prime Minister Narendra Modi विश्वसनीय हैं, इसलिए जनता ने एनडीए के पक्ष में मतदान किया. पीएम मोदी के वादों और नीतियों पर जनता भरोसा करती है. मैं एनडीए को वोट देने के लिए जनता का धन्यवाद करता हूं.

मंत्री संजय निषाद ने देश के कई राज्यों में कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग के खिलाफ किए जा रहे प्रदर्शन पर तीखी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, और वह पूरी तरह संविधान के अनुसार काम करता है.

उन्‍होंने कहा कि अगर भाजपा कोई नया कानून ला रही हो तो विरोध किया जा सकता है, लेकिन चुनाव आयोग पर सवाल उठाना गलत है. आयोग का काम मृतकों के नाम मतदाता सूची से हटाना और नए नाम जोड़ना है. Political दल बूथ अध्यक्ष और बूथ लेवल एजेंट नियुक्त करें और यदि किसी नाम को गलत तरीके से जोड़ा या हटाया गया हो तो आयोग के पास शिकायत करें.

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की Governmentों के दौरान भी यही प्रक्रिया चलती थी, लेकिन तब वे प्रमाणिक दस्तावेज क्यों नहीं देती थीं? यह सब अपनी नाकामी छुपाने का तरीका है.

जम्मू-कश्मीर के एक Police स्टेशन में हुए विस्फोट को लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा केंद्र Government को जिम्मेदार ठहराने वाले बयान पर निषाद ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में आतंकवाद काफी कम हुआ है. मंत्री ने कहा कि Prime Minister मोदी और गृह मंत्री अमित शाह आतंकवाद पर प्रभावी तरीके से काम कर रहे हैं. दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हाल ही में हुए विस्फोट की जांच में एनआईए द्वारा आमिर रशीद अली नामक युवक की पहली गिरफ्तारी पर संजय निषाद ने कहा कि इस मामले में उन लोगों से सवाल होना चाहिए जो वर्षों से तुष्टिकरण की राजनीति करते आए हैं. निषाद ने कहा कि तुष्टिकरण करने वालों से पूछा जाना चाहिए कि आखिर देश विरोधी तत्वों को बढ़ावा क्यों मिला.

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