महाकुंभ भगदड़ को लेकर विपक्ष कर रहा राजनीति, आरोप-प्रत्यारोप होना चाहिए बंद : संजय निषाद

फर्रुखाबाद, 5 फरवरी . निषाद पार्टी द्वारा निकाली जा रही संवैधानिक अधिकार यात्रा बुधवार को फर्रुखाबाद पहुंची. इस यात्रा का नेतृत्व कर रहे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला.

महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर संजय निषाद ने आरोप लगाया कि विपक्ष के लोग इस घटना पर राजनीति कर रहे हैं और लाशों पर अपनी रोटियां सेक रहे हैं. संजय निषाद ने कहा कि इस प्रकार की संवेदनहीन राजनीति नहीं होनी चाहिए. इस दुखद घटना पर शोक और संवेदना व्यक्त करने की बजाय विपक्ष का ध्यान केवल आंकड़ों और आरोप-प्रत्यारोप पर है, जो पूरी तरह अनुचित है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष जांच के आंकड़े मांग रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना की निष्पक्ष जांच के लिए एक टीम गठित कर दी है. सरकार जांच करवा रही है और इस पर जल्द ही रिपोर्ट सामने आएगी. उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बने इस पर बात होनी चाहिए, आगे फिर से कोई घटना ना घटे, उस पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन विपक्ष का विकास के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है. मृतक परिवारों के साथ सभी की संवेदनाएं होनी चाहिए. प्रयागराज एक पवित्र भूमि है. प्रयागराज निषाद राज की पवित्र भूमि है, जहां भगवान राम पधारे थे और निषाद राज ने उनकी सेवा की थी. आस्था का केंद्र होने के कारण प्रयागराज की दुनिया में एक अलग पहचान बनी है. जांच रिपोर्ट आने पर स्पष्ट होगा कि भगदड़ में कोई साजिश है या नहीं.

संजय निषाद ने संवैधानिक अधिकार यात्रा को लेकर कहा कि कमजोर वर्ग को मजबूत करना और संविधान की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. हम उनके हक और अधिकार की लड़ाई लड़ते रहेंगे. 1994 में जो जातियां अनुसूचित जाति में थी, उन्हें ओबीसी में डाल दिया गया है, जिसको लेकर 7 जून 2015 को सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया गया तो फिर वही जातियां अनुसूचित जाति में डाल दी गईं. मेरा मानना है कि इन जातियों के लोगों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र मिलना चाहिए.

योगी सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देते हुए संजय निषाद ने कहा कि जो भी मामले सामने आते हैं, उन पर तत्काल कार्रवाई की जाती है. पहले की सरकार में और आज की सरकार में काफी अंतर है. आज उत्तर प्रदेश में अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और हमारा प्रदेश आगे बढ़ रहा है. भ्रष्टाचार के मामले अगर कहीं पाए जाते हैं तो कठोर कार्रवाई की जाती है.

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