‘इनसे अच्छे तो अंग्रेज थे’, जाति जनगणना पर सपा-कांग्रेस के क्रेडिट लेने पर भड़के संजय निषाद

लखनऊ, 1 मई . पीएम मोदी के नेतृत्व में तय किया गया है कि देश में जाति जनगणना कराई जाएगी. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसका क्रेडिट लिया तो यूपी सरकार के मंत्री संजय निषाद भड़क गए. उन्होंने कहा कि इनसे अच्छे तो अंग्रेज थे.

बुधवार को एनडीए सरकार ने फैसला लिया है कि देश में जाति-जनगणना कराई जाएगी. इस फैसले से देशभर में खुशी की लहर देखने को मिल रही है. हालांकि, कुछ राजनीतिक दल केंद्र सरकार के इस फैसले में अपने योगदान का उल्लेख करने से चूक नहीं रहे हैं.

गुरुवार को न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने कहा कि सपा और कांग्रेस जाति जनगणना पर क्रेडिट ले रही है. लेकिन, सच्चाई यह है कि इनकी सरकारों में कभी भी जाति गनगणना कराने की किसी को याद तक नहीं आई. इसलिए, सपा और कांग्रेस के लोगों को बोलने का कोई अधिकार नहीं है. इन लोगों से अच्छे तो अंग्रेज थे, उन्होंने 1931-41 में जनगणना कराई. कांग्रेस ने 1951 में इसे बंद करा दिया, तब से यह बंद है. इतनी विसंगति थी कि 1961 में जो निषाद 70 लाख थे, उन्हें ओबीसी में डाल दिया गया. यह लोग तो जातियों में लोगों को धोखे में रखकर वोट बैंक की राजनीति करते रहे हैं.

संजय निषाद ने आगे कहा कि आज मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं, उन्होंने ऐतिहासिक कदम उठाया. इस फैसले के बाद जो कमजोर लोग हैं उन्हें मजबूती प्रदान की जाएगी. मुस्लिमों में जाति जनगणना पर उन्होंने कहा कि उनके धर्म में जाति नहीं है. वह तो अल्पसंख्यक में गिने जाते हैं. जाति तो हमारे धर्म में है. जाति जनगणना से जो खाई है वह खत्म हो जाएगी.

संजय निषाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी हर पल देशहित के बारे में सोचते हैं और उन्होंने इसे साबित भी किया है. निषाद पार्टी और मछुआ समाज पीएम मोदी को जातीयजनगणना करवाने को लेकर आभार व्यक्त करता है. उन्होंने कहा कि वर्ष 1931 में आबादी से पूर्व अंग्रेजों द्वारा जातीय जनगणना करवाई गई थी और आज़ादी के बाद से देश के दशा और दिशा दोनों बदली चुकी है, सामाजिक न्याय के लिए जातीय जनगणना बेहद जरूरी थी क्योंकि ये देश और सरकार को पता होना चाहिए, कौन जातियां विकास की मुख्यधारा में नहीं जुड़ पाई है.”

डीकेएम/केआर