मुंबई, 8 मार्च . मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव एक बार फिर चर्चा में है. 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्होंने धर्मांतरण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि अब धर्मांतरण करने वालों को भी फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा. उनके इस बयान से सियासत तेज हो गई है. शिवसेना नेता संजय निरुपम ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के बयान पर सहमति जताई है.
न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान शिवसेना नेता ने कहा, “भारत के संविधान में और हमारे देश में ऐसा कानून है, जिसमें किसी का जबरदस्ती धर्मांतरण नहीं कर सकते हैं. अगर फिर भी कोई गैरकानून तरीके से किसी का धर्मांतरण कर रहा है, तो उसे फांसी दी जानी चाहिए.”
बता दें कि राजधानी भोपाल में कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य में मासूम बालिकाओं के साथ दुराचार करने के मामले में सरकार बहुत कठोर है. इस संबंध में फांसी का प्रावधान किया गया है. जो दुराचार करेगा, हमारी सरकार उसे छोड़ने वाली नहीं है. किसी हालत में ऐसे लोगों को जीवन जीने का अधिकार नहीं देना चाहते हैं. जो धर्मांतरण कराएंगे, उनको भी फांसी की सजा दिलाए जाने का प्रबंध किया जा रहा है. किसी भी हालत में धर्मांतरण और दुराचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस तरह की समाज विरोधी व्यवस्थाओं के खिलाफ सरकार ने संकल्प लिया है कि समाज के अंदर कुरीतियों, गलत बातों को बढ़ावा देने से कठोरता के साथ पेश आएंगे.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, “बेटियों की रक्षा और स्वाभिमान के लिए समर्पित मध्यप्रदेश सरकार. बेटियों के साथ दुराचार करने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान पहले से ही लागू है.अब बेटियों का धर्मांतरण कराने वाले दोषियों के लिए भी मध्यप्रदेश सरकार सख्त कदम उठाएगी. मध्यप्रदेश में जोर जबरदस्ती या बहला फुसलाकर विवाह और धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू है. धर्मांतरण, दुराचरण जैसी किसी भी घटना को हमारी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी.”
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