कोलकाता, 11 फरवरी . राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली की स्थिति पर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है. गाैैरतलब है कि यहां फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों, पर अनुसूचित जाति की महिलाओं ने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था.
संदेशखली में बढ़ती अशांति को देखते हुए शनिवार से धारा 144 लागू कर दी गई है और इंटरनेट के इस्तेमाल पर अनिश्चित काल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है.
5 जनवरी को ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमले का आरोपी मास्टरमाइंड शाहजहां फरार है और ईडी के अधिकारियों ने उसके खिलाफ पहले ही लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है.
तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही अपने स्थानीय पार्टी नेता और शाहजहां के करीबी उत्तम सरदार को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है. पश्चिम बंगाल पुलिस ने सरदार के खिलाफ दर्ज शिकायतों के आधार पर उसे भी गिरफ्तार कर लिया है.
सूत्रों ने कहा कि एनसीएससी अपनी पूर्ण पीठ को क्षेत्र निरीक्षण के लिए संदेशखली भेज सकता है और तदनुसार केंद्र सरकार को सिफारिशें कर सकता है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने शनिवार को राज्य सरकार से अगले 24 घंटों के भीतर संदेशखाली की स्थिति पर इसी तरह की ग्राउंड रिपोर्ट मांगी है, इसके बाद एनसीएससी ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा सोमवार को धारा 144 का उल्लंघन कर संदेशखली में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का अल्टीमेटम जारी करने के कुछ ही घंटों बाद राज्यपाल ने क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने की पहल कर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी.
संदेशखली में बड़े पैमाने पर हुए प्रदर्शन का नेतृत्व मुख्य रूप से स्थानीय महिलाओं ने किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि भूमिगत होने से पहले, शाहजहांं और उसके सहयोगियों ने स्थानीय ग्रामीणों पर उनकी जमीन हड़पने के साथ-साथ उन्हें मुफ्त में श्रम करने के लिए मजबूर कर उनका उत्पीड़न किया था.
संदेशखाली में महिलाएं भगोड़े शाहजहां और उसके सहयोगियों के हाथों अपमान और छेड़छाड़ के डर से सूर्यास्त के बाद अपने घरों से बाहर निकलने से डरती हैं.
शुक्रवार को प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शाहजहां के करीबी विश्वासपात्र और तृणमूल नेता शिबू हाजरा के पोल्ट्री फार्म को जला दिया था.
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